PM Cares for Children : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (PM Cares for Children Scheme) की सुविधाओं का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड (Ayushman Health Card) भी दिया जा रहा है। इससे 5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा (Free Treatment Facility) भी आप सब बच्चों को मिलेगी।
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उन्होंने कहा कि अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स (Professional Course) के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन (Education Loan)चाहिए होगा। तो पीएम केयर्स (PM Cares ) उसमें भी मदद करेगा। इसके अलावा सरकार ने छात्रों को स्टाइपेंड और आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने सोमवार को कोरोना से अपनों को खोने वाले बच्चों को लेकर कहा कि मैं जानता हूं, कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है। उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना कठिन है। उन्होंने कहा कि ऐसी चुनौतियों में पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स (PM Cares for Children ) आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है। पीएम ने कहा कि किसी भी बच्चे को इलाज के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन (PM Cares for Children ) के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड (Ayushman Health Card) भी दिया जा रहा है, इससे 5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा भी आप सब बच्चों को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार कि प्रधानमंत्री द्वारा 29 मई 2021 को कोविड-19 महामारी की वजह से 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 की अवधि के दौरान अपने माता-पिता दोनों या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता को खोने वाले बच्चों की सहायता करने के उद्देश्य से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (PM Cares for Children Scheme) शुरू की गई थी।
विज्ञप्ति में आगे बताया गया कि इस योजना का उद्देश्य बच्चों के रहने व खाने की व्यवस्था करना, शिक्षा एवं छात्रवृत्ति के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना, उनके आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर उन्हें 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता से लैस करके और स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनका कल्याण सुनिश्चित करते हुए उनकी व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।