नई दिल्ली: आज पूरी विश्व में ईस्टर का पर्व मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने इस मौके पर बधाई देते हुए बोला, “आज के दिन, हम प्रभु ईसा मसीह की शिक्षा और पवित्र वचनों को याद करते हैं। सामाजिक सशक्तिकरण के लिए उनकी लड़ाई से विश्वभर के लोगों को प्रेरणा मिलती है।”
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ईस्टर को गुड फ्राइडे के तीसरे दिन बाद सेलिब्रेट किया जाता है। भटके हुए लोगों को राह दिखाने के लिए जिस दिन प्रभु ईसा मसीह पुन: वापिस लौटे थे उस दिन को ईस्टर के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। वापिस लौटने के उपरांत प्रभु ईसा मसीह 40 दिनों तक अपने भक्तों के मध्य में रहकर उपदेश दिए। इस दिन प्रभु ईसा मसीह पुन: जीवित हो उठे थे।
Greetings on Easter!
On this day, we remember the pious teachings of Jesus Christ. His emphasis on social empowerment inspires millions across the world.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 4, 2021
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ऐसा कहा जाता है कि प्रभु ईसा मसीह अपने शिष्यों के लिए वापिस लौटे थे। पुन: लौटने के बाद उन्होंने लोगों करुणा, दया और क्षमा का उपदेश दिया। प्रभु ईसा मसीह ने उन लोगों को भी क्षमा कर दिया जिन लोगों ने उन्हें सूली पर चढ़ाया था। ईस्टर के दिन उन्होंने क्षमा का उपदेश देकर विश्व को इसके महत्व के बारे में बताया। इस दिन अंडे को एक शुभ प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।
ईस्टर को प्रातः तड़के उठकर महिलाओं द्वारा आराधना की जाती है। मान्यता है कि प्रात:काल में ही प्रभु ईसा मसीह का पुनरुत्थान हुआ था और उन्हें सबसे पहले मरियम मगदलीनी नाम की एक महिला ने देखने के उपरांत अन्य महिलाओं को इसके बारे में जानकारी दी थी। इसे सनराइज सर्विस कहते हैं।