नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बुधवार को तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) के बीच अचानक सिंगरेनी कोयला खदान के मज़दूरों से मिलने पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिंगरेनी कोयला खदान के मज़दूरों से मिल कर पता चला, उनका शोषण बड़ी साज़िश का हिस्सा है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि भारतीय खदानों का निजीकरण (Privatization of Indian Mines), विदेश से महंगा कोयला लाना, फिर बिजली का बिल बढ़ा कर जनता की जेब काटना मुख्य उद्देश्य बन चुका है।
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सिंगरेनी कोयला खदान के मज़दूरों से मिल कर पता चला, उनका शोषण बड़ी साज़िश का हिस्सा है।
भारतीय खदानों का निजीकरण, विदेश से महंगा कोयला लाना, फिर बिजली का बिल बढ़ा कर जनता की जेब काटना…
प्रधानमंत्री ने देश को दीमक की तरह खोखला करने वाला एक ‘hidden tax’ लगा रखा है – Adani Tax! pic.twitter.com/rFfitKv4bj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 1, 2023
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश को दीमक की तरह खोखला करने वाला एक ‘hidden tax’ लगा रखा है। जिसे Adani Tax! कहा जाता है ।वहां उन्होंने खदान मजदूरों की समस्याएं सुनीं और जाना कि कोयला के खदान मजदूर मोदी सरकार और अडानी की साजिश के शिकार हो रहे हैं। PM मोदी अपने दोस्त अडानी को हर कीमत पर फायदा और कोयला के खदान मजदूरों को नुकसान पहुंचाने पर तुले हैं।
राहुल गांधी ने खदानों के निजीकरण पर चिंता जताते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि यह श्रम कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि खदानों का निजीकरण करने का मतलब श्रमिकों को बंधुआ मजदूरी की ओर धकेलना है। गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो साझा किया है। इसमें कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं से कहते दिखाई दे रहे हैं कि कांग्रेस का रुख बहुत स्पष्ट है कि रणनीतिक क्षेत्रों में कोई निजीकरण नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मुझे सिंगरेनी कोयला खदानों के श्रमिकों एवं कर्मचारियों से मिलने और बात करने का मौका मिला। उनकी समस्याओं को सुना और सुनने के बाद मुझे पता चला कि हर समस्या की जड़ खदानों का निजीकरण है। उन्होंने कहा कि कुछ पूंजीपतियों को इससे फायदा होगा और इसका परिणाम वही होगा, जो मैं लंबे समय से कहता आ रहा हूं- अमीर अमीर हो जाएंगे और गरीब गरीब हो जाएंगे। वीडियो में कार्यकर्ता राहुल गांधी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहते हैं कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस तरह के निजीकरण के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करें।
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गांधी ने पिछले महीने अपनी तेलंगाना यात्रा के दौरान श्रमिकों के साथ अपनी बातचीत में आश्वासन दिया था कि सिंगरेनी कोयला खदानों का निजीकरण नहीं किया जाएगा और आरोप लगाया कि इसे अदाणी को बेचने का प्रयास किया गया था, लेकिन उनके प्रयासों से इसे रोक दिया।