नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपना संबोधन दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रसे पर जमकर हमला बोला। साथ ही कोरोना महामारी के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि जब देश में कोरोना की शुरूआत हुई तो लोग सोचते थे कि भारत का क्या होगा?
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लेकिन देश के 130 करोड़ लोगों की इच्छाशक्ति और अनुशासन के कारण भारत के प्रयासों की दुनिया भर में सराहना हो रही है। कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों के लिए इतने लंबे कालखंड के लिए मुफ्त में राशन की व्यवस्था की गई, ताकि ऐसी स्थिति कभी पैदा न हो कि उनके घर का चूल्हा न जले। भारत ने ये काम करके दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
लोकतंत्र का गला घोंटा नहीं गया होता: पीएम मोदी
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, अगर कांग्रेस नहीं होती तो 1975 में लोकतंत्र का गला नहीं घोटा गया होता। इस लोकतंत्र में परिवारवाद सबसे बड़ा खतरा होता है। पीएम ने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो इमरजेंसी का कलंक नहीं लगता। जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती। कांग्रेस नहीं होती तो सिखों का नरसंहार ना होता। कश्मीर पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत नहीं आती।
गोवा के साथ कांग्रेस ने किया भेदभाव
प्रधानमंत्री ने पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, गोवा के साथ कांग्रेस ने भेदभाव किया। जवाहरलाल नेहरू ने वहां फौज भेजने से मना कर दिया था। सत्याग्रहियों की मदद उन्होंने नहीं की। गोवा आजादी के 15 साल बाद आजाद हुआ। नेहरू जी ने कहा था, कोई धोखे में ना रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है।