नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया गया, जिस पर सर्वसम्मति से कैबिनेट ने मुहर लगा दी। इस रिपोर्ट को कोविंग समिति ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसी साल मार्च में सौंपा था। वहीं, अब इसको लेकर सियासत भी गर्म हो गयी है। विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी आ रही है।
पढ़ें :- क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए आर्मी ने फ्यूल सप्लाई चेन में बायो- डीजल को किया शामिल, जनरल पुष्पेंद्र पाल सिंह ने दिखाई हरी झंडी
One Nation, One Election केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है।
ये संविधान के ख़िलाफ़ है,
ये लोकतंत्र के प्रतिकूल है,
ये Federalism के विरूद्ध है।देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। pic.twitter.com/rFMFInrnNA
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 18, 2024
पढ़ें :- Research Report : पुरुषों की घट रही है प्रजनन क्षमता, इन कारणों से बढ़ रही है समस्या
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, One Nation, One Election केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है। ये संविधान के ख़िलाफ़ है, ये लोकतंत्र के प्रतिकूल है, ये Federalism के विरूद्ध है। देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।
’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2024
पढ़ें :- ममता का बीजेपी पर सीधा अटैक, बोलीं- जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान और महात्मा गांधी के सिद्धांतों की अवहेलना हो, उस कार्यक्रम में कैसे जा सकती हूं?
वहीं, इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान आया है। उन्होंने कहा कि, एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।
वहीं, वन नेशन वन इलेक्शन पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि, इस देश में वन नेशन वन इलेक्शन था, मोदी जी कोई नायाब हीरा नहीं ला रहे हैं। 1962 के बाद वह क्यों हटा क्योंकि एकल पार्टी का प्रभुत्व खत्म होने लगे…मैं पहले इसका मसौदा देखूंगा। मान लीजिए- चुनाव होते हैं, उत्तर प्रदेश में बनी हुई सरकार गिर जाती है तो फिर क्या होगा? क्या आप राष्ट्रपति शासन लगाएंगे? क्या राज्यपाल के माध्यम से अगले चुनाव तक व्यवस्था होगी या फिर से चुनाव होंगे?… ये(भाजपा) लोग ध्यान भटकाने में माहिर हो गए हैं कि कैसे मौलिक चीज़ों से ध्यान हटाया जाए। आज देश को रोजगार चाहिए… क्या वन नेशन वन इलेक्शन रोजगार की करोड़ों संभावनाएं बना देगा?… आप खत्म हो जाएंगे लेकिन विविधता बरकरार रहेगी।”