देहरादून। भाजपा में मुख्यमंत्री बदलने की परंपरा उत्तराखंड के गठन से बाद से ही होती रही है। उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें दो दिन बाद आज सोमवार को फिर से तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से अपनी परंपरा को बरकरार रख सकती है ऐसी ही खबर प्राप्त हो रही है। जिसके तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। वहीं, आज शाम को पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक भी है। बैठक में इस बात पर फैसला होगा कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए या फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को आगामी चुनाव तक बरकरार रखा जाए। बता दें कि अगले साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव भी हैं।
अगर पार्टी हाई कमान नेतृत्व परिवर्तन करने का मन बनाता है तो सूत्र बताते हैं कि सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज रेस में सबसे आगे हैं। अगामी चुनावों के मद्देनजर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पिथौरागढ़ जिले की चार में से तीन विस सीटें भाजपा के पास हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को स्थान नहीं मिला है।
वरिष्ठता पर कुमाऊं मंडल में पूर्व मंत्री, पार्टी के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष व डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल, कपकोट(बागेश्वर) विधायक और पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से किन्ही दो को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है वहीं, गढ़वाल मंडल से एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व हरिद्वार ग्रामीण के स्वामी यतीश्वरानंद के नाम शामिल हैं।