नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में चल रहा सियासी घमासान थम नहीं रहा है। वहां पर सीएम कैप्टन अमरिंदर और सिद्धू के बीच चल रहा सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिद्धू लगातार सीएम पर हमले कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने भी मंगलवार को ही पंजाब के छह मंत्रियों और छह विधायकों को दिल्ली बुला लिया है।
पढ़ें :- यूपी ,पंजाब और केरल में उपचुनाव की तारीख बदली, अब 13 की जगह 20 नवंबर को होगी वोटिंग
इन नेताओं में ज्यादातर वही चेहरे हैं, जो मुख्यमंत्री द्वारा दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी देने का विरोध किया था। अभी तक यह भी माना जा रहा था कि सोनिया गांधी कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू से एक साथ बैठककर उनके बीच का विवाद सुलझाएंगी।
अब साफ हो गया है कि पार्टी अध्यक्ष ने मुलाकात के लिए केवल कैप्टन को ही बुलाया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी के साथ होने वाली बैठक पर पंजाब कांग्रेस के नेताओं की नजरें टिकी हैं। बेअदबी से लेकर विधायकों के बेटों को नौकरी तक के फैसलों के कारण अपनी ही पार्टी में घिरे कैप्टन को आलाकमान का कितना साथ मिलेगा, इसी पर नवजोत सिद्धू का भविष्य भी टिका है।