नई दिल्ली: चीन को भारत की बुलंदी खटकती है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( President Xi Jinping ) भारत के खिलाफ जाला बुनने के लिए अरुणाचल सीमा (Arunachal border) पर मडराते रहे। शी जिनपिंग ने भारत के साथ जारी तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर का दौरा किया। न्यिंगची ( Nyingchi ) की बात करें तो यह तिब्बत का एक शहर है, जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। राष्ट्रपति शी ने जहां दौरा किया वो न्यिंगची नाम का शहर रणनीतिक रूप से काफी अहम है। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तिब्बत पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बात की जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। चीन यहां बुनियादी ढांचा विकसित करने में लगा हुआ है। उसने रेल के साथ-साथ सड़क मार्गों को भी दुरुस्त करने पर काम शुरू कर दिया है।
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चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शी बुधवार को न्यिंगची मेनलैंड एयरपोर्ट ( Nyingchi Mainland Airport ) आए थे यहां स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। ऐसा कहा जा रहा है कि साल 2011 में सत्ता संभालने के बाद ये उनका पहला तिब्बत का दौरा है।
इसके बाद शी ने ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में पारिस्थितिक संरक्षण का निरीक्षण करने के लिए न्यांग नदी पुल का दौरा किया, जिसे तिब्बती भाषा में यारलुंग जांगबो कहा जाता है।
भारत को रणनतिक रूप से अस्थिर रखने के लिए चीन तरह- तरह हवाई दावे करता रहता है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और उसे दक्षिणी तिब्बत ( southern tibet ) का हिस्सा बताता है, जबकि इस बेबुनियाद बात को भारत सिरे से खारिज करता है। भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा शामिल है।
चीन के नेता भी आए दिन तिब्बत का दौरा करते रहते हैं। शी बीते वर्षों में तिब्बत ( Tibet ) का दौरा करने वाले पहले वरिष्ठ नेता हैं। न्यिंगची शहर सुर्खियों तें तब आया था ,जब चीन ने तिब्बत में पहली बुलेट ट्रेन ( bullet train ) की शुरुआत की थी। ये ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी लहासा को न्यिंगची से जोड़ती है। हवा से बात करने वाली ट्रेन की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा है और 435.5-किमी इलाके को कवर करने वाली ट्रेन बिजली से चलती है।
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अरुणाचल (Arunachal ) से लगी सीमा पर आंख गड़ाये चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इससे पहले इसी ट्रेन को लेकर इशारों में कह चुके हैं कि यह स्थिरता को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
अगर चीन का भारत के साथ संघर्ष होता है तो यह रेलवे लाइन रणनीतिक रूप से उसके काफी काम आएगी। उसने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हाईवे का निर्माण किया है। जो मेडोग काउंटी को जोड़ता है और इसकी सीमा अरुणाचल प्रदेश से लगती है।