नई दिल्ली। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) के फाइनल में थर्ड अंपायर की ओर से शुभमन गिल को कैच आउट दिये जाने पर काफी विवाद (Controversy ) हुआ था। इस फैसले पर भारत के कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने भी सवाल खड़े किए थे। इसी बीच तमिलनाडु प्रीमियर लीग (Tamil Nadu Premier League) के मैच में थर्ड अंपायर के फैसले (third umpire’s decision) के खिलाफ डीआरएस (DRS) लेने का मामला सामने आया है।
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दरअसल, तमिलनाडु प्रीमियर लीग में त्रिचि और डिंडिगुल ड्रैगन्स (Dindigul Dragons) के बीच मैच चल रहा था। इस दौरान 13वें ओवर में डिंडिगुल ड्रैगन्स की ओर से आर. अश्विन (R. Ashwin) गेंदबाजी कर रहे थे। ओवर की आखिरी गेंद पर त्रिचि के बल्लेबाज राजकुमार चमका खा गए और गेंद विकेटकीपर ने पकड़कर कैच की अपील की। जिसके बाद फील्ड अंपायर ने बल्लेबाज को आउट करार दिया। जिस पर त्रिचि के बल्लेबाज ने डीआरएस लेने का फैसला किया और थर्ड अंपायर ने बल्लेबाज को नॉटआउट करार दिया।
हालांकि, थर्ड अंपायर के फैसले से आर. अश्विन असहमत नजर आए और उन्होंने ऐसा कुछ किया, जोकि काफी हैरान करने वाला था। अश्विन ने थर्ड अंपायर के फैसले को चुनौती देने के लिए डीआरएस ले लिया। इस पर अश्विन की फील्ड अंपायर से हल्की बहस भी हुई। वहीं, थर्ड अंपायर दूसरे डीआरएस में भी अपने फैसले पर ही कायम रहे और बल्लेबाज को नॉट आउट दिया।
मैच के बाद इस मामले पर अश्विन ने कहा कि स्क्रीन पर देखकर उन्हें लगा कि आउट था। इस टूर्नामेंट में DRS नया है। उन्होंने कहा कि किनारा लगने पर अल्ट्राऐज पर स्पाइक आम तौर पर बल्ले पर गेंद लगने से पहले दिखाता है। इस मैच को अश्विन की टीम डिंडिगुल ड्रैगन्स ने 6 विकेट से जीत लिया।