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Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी पर विशेष श्रृंगार कर करें राधारानी की पूजा, जानें सही विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

By अनूप कुमार 
Updated Date

Radha Ashtami 2025 :  सनातन धर्म में वृषभानु कुमारी राधा रानी की पूजा का विशेष महत्व है। राधा जी के कई नाम है, इन्हें राधिका भी कहा जाता है। भक्त गण राधा रानी को देवी के रूप में पूजते है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन के उपरांत राधा अष्टमी पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर राधा जी की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 30 अगस्त 2025 की रात 10:46 बजे से प्रारंभ होकर 01 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 12:57 बजे तक रहेगी। इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार साल राधा अष्टमी का पावन पर्व 31 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।

पुराणों में  राधा महिमा 
पुराणों में जिस राधा अष्टमी व्रत की महिमा का बखान किया गया है। पुराणों के अनुसार, राधा देवी भागवत पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, स्कंद पुराण और मत्स्य पुराण में कृष्ण की प्रमुख संगिनी और आह्लादिनी शक्ति के रूप में वर्णित हैं। देवी भागवत पुराण में उन्हें सर्वोच्च देवी, कृष्ण से भी बढ़कर, और सभी लोकों की माता बताया गया है।

बरसाना में राधा अष्टमी  
राधा अष्टमी के दिन बरसाना में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सुबह से ही भक्तजन राधा रानी के मंदिर में दर्शन के लिए कतारों में लग जाते हैं। इस दिन मंदिर में राधा रानी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जिसमें उन्हें सुंदर वस्त्र, आभूषण और ताजगी भरे फूलों से सजाया जाता है।

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