Rahu Ke Prabhav : वैदिक ज्योतिष में काफी महत्व प्राप्त करने वाला ग्रह राहु छाया ग्रह है। राहु मानव जीवन पर बहुत प्रभाव डालता हैं। राहु ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रह माना गया है, लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि क्रूर ग्रह राहु हमेशा अशुभ परिणाम नहीं देते। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह उच्च के हों तो यह उस व्यक्ति का भाग्य भी बदल सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के पंडितों का मानना है कि राहु सांसारिक समृद्धि का प्रतीक है। बहुत से ज्योतिषियों का मानना है कि ये कंपन राजयोग का भी एक संकेत हैं। प्राचीन ऋषियों ने राहु को राजनयिक ग्रह बताया है।
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राहु का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह उच्च का है तो उसे इसके अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। राहु ग्रह अपने मित्र ग्रहों के साथ बलवान होते हैं। इसके विपरीत यदि कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर है तो वह व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं और उसे किसी भी चीज में अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होते।
ज्योतिष शास्त्र के पंडितों का मानना है कि राहु सांसारिक समृद्धि का प्रतीक है। बहुत से ज्योतिषियों का मानना है कि ये कंपन राजयोग का भी एक संकेतक हैं। प्राचीन ऋषियों ने राहु को राजनयिक ग्रह बताया है।राहु 3 नक्षत्रों पर शासन करता है – मेष, स्वाति और शतभिषा।
1.राहु दोष का निवारण करने के लिए शनिवार को काला कपड़ा पहनना चाहिए और ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।आप 5, 11 या 18 माला जाप कर सकते हैं।
2.शरीर में पानी की कमी न होने दें। इस बात का भी खास ख्याल रखें।
3.इस दौरान पशु-पक्षियों की खूब सेवा करें। उन्हें दाना डालें और पानी दें।
4.राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए गंदगी से दूरी बनाए रखें। साथ ही स्वच्छता का भी ध्यान रखें।
5.राहु मंत्र – ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जाप करें।