नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) ने यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) नेता रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्हें यूनिटी गवर्नमेंट के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। वो पहले भी पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 2019 में रानिल ने अपनी ही पार्टी के दबाव के चलते PM पद से इस्तीफा दे दिया था। 73 साल के रानिल को देश का सबसे अच्छा पॉलिटिकल एडमिनिस्ट्रेटर (Political Administrator) और अमेरिका समर्थक माना जाता है।
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बता दें कि एक अहम पॉलिटिकल डेपलपमेंट के तहह पूर्व PM महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) और उनके 8 करीबी सहयोगियों के देश छोड़ने पर एक अदालत ने रोक लगा दी है। बताया गया है कि इन सभी के पासपोर्ट जब्त किए जा रहे हैं। महिंदा राष्ट्रपति गोटबाया (President Gotabaya Rajapaksa) के भाई हैं और इस वक्त एक नेवल बेस में छिपे हैं।
सूत्रों ने कहा कि उनके पास अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए क्रास पार्टी है जो छह महीने तक चलती है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी), मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया (SJB) के एक वर्ग और कई अन्य दलों ने संसद में विक्रमसिंघे के लिए बहुमत दिखाने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है।
यूएनपी अध्यक्ष वजीरा अभयवर्धने (UNP President Vajira Abhaywardene) ने कहा कि रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद संसद में बहुमत हासिल करने में सक्षम होंगे और वह महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) की जगह लेंगे, जिन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था।
पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती थी उनकी पार्टी
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बता दें कि यूएनपी (UNP) देश की सबसे पुरानी पार्टी है। पिछले चुनावों में एक भी सीट जीतने में विफल रही थी, जिसमें विक्रमसिंघे भी शामिल थे, जिन्होंने 2020 के संसदीय चुनावों में यूएनपी (UNP) के गढ़ कोलंबो से चुनाव लड़ा था। बाद में उन्होंने संचयी राष्ट्रीय वोट के आधार पर यूएनपी को आवंटित एकमात्र राष्ट्रीय सूची के माध्यम से संसद में अपनी सीट पक्की कर ली थी।
गौरतलब है कि विक्रमसिंघे को व्यापक रूप से एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया जाता है जो दूरदर्शी नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकते हैं। विक्रमसिंघे को श्रीलंकाई राजनेता के रूप में माना जाता है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आदेश दे सकते हैं।