शाहजहांपुर। गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने रेप के दोषी आसाराम (Asaram) को मेडिकल आधार पर तीन महीने यानी 30 जून तक के लिए अंतरिम जमानत बढ़ा (Interim Bail Extended) दी है। आसाराम को 3 महीने की और अंतरिम जमानत मिलने के बाद शाहजहांपुर में रहने वाले पीड़िता का परिवार दहशत में है। पीड़िता के पिता का कहना है कि आसाराम ड्रामेबाज है और जेल से बाहर आने के बाद वह उनके परिवार के खिलाफ षड्यंत्र रच सकता है। उन्होंने अपने परिवार की आसाराम के गुर्गों से जान को खतरा बताया है। आसाराम पर कई मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें सजा हो चुकी है।
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शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में पीड़िता के पिता का कहना है कि जो आसाराम ने अपने भक्तों के बड़े-बड़े इलाज करने का दावा करता था। आसाराम (Asaram) झूठे बहाने करके खुद के इलाज के लिए जेल से बाहर आया है। कि कोर्ट का फैसला निराशाजनक है और उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में है। पीड़िता के पिता का कहना है कि आसाराम डॉक्टर से मिलकर झूठी रिपोर्ट बनवा लेता है, उसे कोई बीमारी नहीं है। उन्हें उम्मीद थी कि इसे आगे अंतरिम बेल नहीं मिलेगी, इसका इलाज जेल के अंदर ही होना चाहिए था। आसाराम को हार्ट से संबंधी कोई बीमारी होती तो वह एंजियोग्राफी करता या बाईपास सर्जरी करता। आसाराम अंग्रेजी डॉक्टर से इलाज तो करवा लेता है, लेकिन दवाइयां नहीं खाता। क्योंकि वह खुद भी दूसरों का देसी दवाइयां से इलाज करता था, इसीलिए वह भी देसी दवाइयां ही खाता है।
बता दें कि शाहजहांपुर की लड़की छिंदवाड़ा के गुरुकुल स्कूल में पढ़ती थी। पीड़िता के पिता ने 19 अगस्त 2013 को दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी, जोकि बाद में जोधपुर ट्रांसफर हो गई थी। इस मामले में आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पीड़िता के पिता का कहना है कि आसाराम इससे पहले 7 दिन के पैरोल पर बाहर आया था। इसके बाद 5 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी।
गौरतलब है कि आसाराम (Asaram) अपने ही गुरुकुल की छात्रा से रेप के मामले में आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे हैं। उन्हें सिर्फ मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है। सूरत की एक महिला ने आसाराम पर रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता ने कहा था कि 1997 से 2006 तक आसाराम ने उनका शोषण किया। आसाराम के खिलाफ 2013 में शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत गांधीनगर स्थानांतरित होने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में आसाराम को 2020 में दोषी ठहराया गया था।