किसी भी रिश्ते में डिफेंसिव होना आपके रिश्ते को खराब कर सकता है। इसमें आप केवल अपने बचाव के बारे में ही सोचते है। दूसरे पक्ष की तरफ ध्यान ही नहीं देते। जबकि किसी भी रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए चीजों को सुनना, समझना और गलती को भी मानना उतना ही जरुरी होता है जितना आप सामने वाले को दोषी ठहराते है।
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ओवरडिफेंसिव तब होते है जब आप केवल सामने वाले को गलत और खुद को सही ठहराने की पुर जोर कोशिश में लगे होते है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट के अनुसार रिश्ते में आपका मैं ही सही वाला व्यवहार यानि कि डिफेंसिव व्यवहार आपके पार्टनर को ऐसा एहसास करा सकता है कि आप खुद को ही सही साबित करने में लगे हो और सामने वाले को गलत। डिफेंसिव नेचर से रिश्ते बिगड़ने में जरा भी समय नहीं लगता है।
आपका डिफेंसिव स्वभाव बातचीत खत्म होने का कारण बन सकता है। जब एक या फिर दोनो पार्टनर लगातार खुद को सही साबित करने में लगे हो तो खुले ईमानदार और प्रभावी बातचीत हो पाना मुश्किल होता है। क्योंकि दोनो ही एकदूसरे की सुनने को तैयार नहीं होते बस खुद को सही साबित करने में लगे होते है।
जिससे बेकार की बहस और फिर विवाद बढ़ने लगता है। डिफेंसिव व्यवहार पार्टनर के बीच भावनात्मक दूरी पैदा करता है। समय के साथ डिफेंसिव व्यवहार रिश्ते में विश्वास और इंटिमेसी को खत्म कर देता है। पार्टनर निर्णय या आलोचना के डर से अपने विचारों, भावनाओं या कमजोरियों को शेयर करने में झिझक सकते है। जिससे उनके बीट भावनात्मक जुड़ाव कमजोर हो सकता है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप किसी रिश्ते में है और उसमें बने रहना चाहते हैं तो यब जरुरी है कि संवाद में खुलापन रखें। हर छोटी बात के लिए एक दूसरे को गलत ठहराना या उन्हे भविष्य में हथियार के रुप में इस्तेमाल करना आपके रिश्ते को खराब कर सकता है। सबसे जरुरी है एद दूसरे की रिस्पेक्ट करना बेहद जरुरी है।