Rudraksh : रुद्राक्ष को अचूक और चमत्कारी माना गया है। भगवान शिव के उपासक इसकी माला धारण करते है। रुद्राक्ष धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष है। रुद्राक्ष को धारण करने से मन को शांति मिलती है और कई प्रकार असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है। पौराणिके गंथों में वण्रित है कि रूद्राक्ष मुक्ति और पूर्ती का साधन है। मृत्यु लोक में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रूद्राक्ष बहुत सहायक है। शिव पुजन और अनुष्ठान में इसकी माला से मत्रों का जप होता है। रूद्राक्ष धारण करने के कुछ विशेष नियम है। धारण करने वालो को इन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। आइये जानते है रुद्राक्ष के चमत्कारी और औषधीय प्रयोग के बारे में।
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1. विशुद्ध रुद्राक्ष (किसी भी वर्ग का) के 10 दाने ताम्रपत्र में 50 ग्राम जल में रात भर डुबो कर रखें तथा प्रात: खाली पेट उस पानी का सेवन करने से अनेक रोगों के उपचार में लाभ मिलता है। नेपाल में इसे सर्वश्रेष्ठ फल माना गया है।
2.रुद्धाक्ष की माला धारण करने से व्यक्तित्व के विकास व मानसिक शांति प्राप्त होने का वर्णन किया गया है।
रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा के खिलाफ ढाल के रूप में कार्य करते हैं।
3.पंचमुखी रुद्राक्ष रुद्राक्ष को सोने या फिर चाँदी में मढ़वा कर या बिना मढ़वाया भी धारण किया जा सकता है।
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगा जल या कच्चे दूध से शुद्ध कर लीजिए। इसके बाद ‘ॐ ह्रीं नमः:’ मंत्र का 108 बार जाप करें।