Sakat Chauth 2022 : सनातन धर्म भगबवान गणेश प्रथम पूज्य देवता है।पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, हिंदू धर्म के किसी भी पूजा पाठ में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माघ मास धर्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही पावन महीन है। इस महीने पड़ने वाले तिथि त्योंहार का विशेष महत्व है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखे जाने वाले चौथ को सकट चौथ कहते हैं।
पढ़ें :- Chhath Puja 2024 : छठी मैया की इस आरती से करें पूजा, जय छठी मईया, ऊ जे केरवा...
इस साल सकट चौथ का व्रत 21 जनवरी को पड़ रहा है। इस व्रत संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से जाना और मनाया जाता है। इस बार सकट चौथ सौभाग्य योग में है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना जा रहा है।
भगवान गणेश की पूजा अर्चना के लिए रखा जाने वाला इस संकष्टी चतुर्थी का व्रत में भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है। इस दिन भगवान गणेश को प्रिय वस्तुएं उन्हें अर्पित की जाती है। उन्हें मोदक, लड्डू का भोग लगाया जाता है। इस बार सकट चौथ पर सौभाग्य योग बन रहा है, जो काफी उत्तम माना जा रहा है। मान्यता है कि इस शुभ योग पर किया गया कोई भी कार्य और पूजा हमेशा सफलता दिलाता है।