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Sanjay Raut का पलटवार, मोहन भागवत जी पीएम मोदी ने तो कहा था नोटबंदी करने से देश अपराध मुक्त हो जाएगा?

By संतोष सिंह 
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नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के 96 वें स्थापना दिवस , विजयदशमी पर्व (Vijayadashami Festival) पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के नशीले पदार्थों को लेकर बड़ा ​बयान दिया है। इस बयान के बहाने शिवसेना (Shiv Sena) नेता राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। संजय राउत (Sanjay Raut)  ने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा था कि नोटबंदी (Demonetisation) के बाद आतंकवाद और ड्रग माफियाओं (Drug Mafia) पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। केंद्र में तो बीजेपी (BJP) की सरकार है, ऐसे में वह नशीले पदार्थ पर रोक क्‍यों नहीं लगा पा रही है।

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) ने कहा कि अगर वह कुछ कह रहे हैं तो इसका महत्व है, लेकिन अगर देश के खिलाफ नशीले पदार्थों के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है। तो सरकार का नेतृत्व कौन कर रहा है? पीएम ने कहा था कि आतंकवादियों, ड्रग माफिया (Drug Mafia)  को पैसा नोटबंदी (Demonetisation)  से बंद हो जाएगा. क्‍या ऐसा हुआ है।

बता दें कि मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने देश में बढ़ रही नशे की लत पर चिंता व्यक्त किया। उन्‍होंने कहा कि ओटीटी प्‍लेटफॉर्म (OTT Platform) पर कुछ भी दिखाया जा रहा है। इस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। कोरोना के बाद बच्‍चों के पास भी फोन आ गया है। वो जब चाहें तब मोबाइल पर कुछ भी देख सकते हैं। देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है, इसे कैसे रोका जाए, पता नहीं?

उन्होंने कहा कि देश के हर एक वर्ग तक, समाज के आखिरी आदमी तक भयंकर नशे की लत है। नशे के कारोबार से आने वाले पैसे का इस्‍तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाता है। सीमा पार के देश उसे प्रोत्साहन दे रहे हैं। देश में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं।

जनसंख्या नीति पर बोले भागवत

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सरसंघचालक ने कहा कि अपने मत, पंथ, जाति, भाषा, प्रान्त आदि छोटी पहचानों के संकुचित अहंकार को हमें भूलना होगा। उन्होंने कहा कि COVID-19 की दूसरी लहर पहली की तुलना में कहीं अधिक विनाशकारी थी। इसने युवाओं को भी नहीं बख्शा। महामारी से उत्पन्न गंभीर स्वास्थ्य खतरों के बावजूद मानव जाति की सेवा में निस्वार्थ भाव से समर्पित नागरिकों के प्रयास प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति (Population Policy) पर एक बार फिर विचार करना चाहिए। अगले 50 वर्षों के लिए नीति बनानी चाहिए और इसे समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। जनसंख्या असंतुलन एक समस्या बन गई है।

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