Sections of BNS, BNSS and BSA: आज 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। जिसमें आईपीसी (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और एविडेंस ऐक्ट (Evidence Act) की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) ने ले ली है। नए कानूनों के लागू होने के साथ ही औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया है। सोमवार से नए कानून के तहत ही केस दर्ज होने लगे हैं। धाराएं भी बदल गई हैं।
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पहले आईपीसी में 511 धाराएं थीं जबकि भारतीय न्याय संहिता (BNS) में कुल 358 धाराएं हैं। बीएनएस में 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं। इसके अलावा 33 अपराधों में मिलने वाली सजा की अवधि बढ़ाई गई है, जबकि 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है और 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रावधान है। अधिनियम में 19 धाराएं निरस्त कर दी गई हैं। 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। वहीं, 22 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है।
इसी तरह, सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में कुल 531 धाराएं हैं। बीएनएसएस में कुल 177 प्रावधानों में दलवा किया गया है। इसके अलावा 9 नई धाराओं और 39 नई उपधाराएं भी जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 धाराओं में समय-सीमा जोड़ी गई है और 35 धाराओं पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान जोड़ा गया है। वहीं, कुल 14 धाराएं निरस्त और हटा दी गई हैं। भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) में कुल 170 धाराएं हैं। कुल 24 प्रावधान बदले गए हैं। दो नई धाराएं और छह उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। छह प्रावधान निरस्त कर दिए गए हैं।
बीएनएस (BNS) में कुछ अपराधों के धाराएं