नई दिल्ली। दिल्ली के कालकाजी मंदिर (Kalkaji Temple) में बीती रात श्रद्धालुओं और सेवादारों के बीच हुआ विवाद खौफनाक रूप ले लिया। ‘चुन्नी प्रसाद’ को लेकर हुए झगड़े में मंदिर के सेवादार योगेंद्र सिंह (35) की बेरहमी से हत्या कर दी गई। योगेंद्र सिंह पिछले 14–15 सालों से मंदिर में सेवा कर रहे थे। वारदात ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया है। इस घटना पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Former Chief Minister of Delhi Arvind Kejriwal) ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि कालकाजी मंदिर के अंदर सेवादार की निर्मम हत्या हो गई। क्या दिल्ली में अब कोई सुरक्षित है भी या नहीं?
पढ़ें :- भारत ने द. अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर जीती सीरीज, यशस्वी ने जमाया शतक, कोहली-रोहित का पचासा
कालकाजी मंदिर के अंदर सेवादार की निर्मम हत्या करने से पहले इन बदमाशों के हाथ नहीं कांपे? ये कानून व्यवस्था की विफलता नहीं तो और क्या है?
भाजपा के चारों इंजनों ने दिल्ली का ये हाल कर दिया है कि अब मंदिरों में भी ऐसी वारदातें हो रही हैं। क्या दिल्ली में कोई सुरक्षित है भी या नहीं… https://t.co/0WbyjP5Cus
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 30, 2025
पढ़ें :- Indigo Crisis : राहुल गांधी की बातों पर सरकार ने गौर किया होता तो हवाई यात्रा करने वालों को इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती
इस घटना को लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा “कालकाजी मंदिर के अंदर सेवादार की निर्मम हत्या करने से पहले इन बदमाशों के हाथ नहीं कांपे? यह कानून व्यवस्था की विफलता नहीं तो और क्या है? भाजपा के चारों इंजनों ने दिल्ली का ये हाल कर दिया है कि अब मंदिरों में भी ऐसी वारदातें हो रही हैं। क्या दिल्ली में कोई सुरक्षित है भी या नहीं?
दिल्ली पुलिस (Delhi police) के अनुसार, मृतक योगेंद्र सिंह (35) उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले थे और पिछले 14–15 वर्षों से कालकाजी मंदिर (Kalkaji Temple) में सेवादार के रूप में सेवा कर रहे थे। घटना की शुरुआत रात करीब 9:30 बजे हुई, जब पुलिस को इस वारदात की सूचना के लिए एक पीसीआर कॉल मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को जांच में पता चला कि कुछ आरोपी दर्शन के लिए मंदिर आए थे। इसी दौरान उन्होंने सिंह से ‘चुन्नी प्रसाद’ की मांग की। इस मामूली से विवाद ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। बहस के बीच आरोपियों ने सिंह पर लाठियों और मुक्कों से हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि घायल योगेंद्र सिंह को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। एक आरोपी, अतुल पांडे, को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली पुलिस (Delhi police) के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी योगेंद्र सिंह पिछले 14–15 वर्षों से कालकाजी मंदिर (Kalkaji Temple) में सेवा कर रहे थे। घटना रात करीब 9:30 बजे हुई, जब कुछ आरोपी मंदिर दर्शन के लिए आए और प्रसाद को लेकर बहस करने लगे। विवाद बढ़ने पर आरोपियों ने सिंह पर लाठियों और मुक्कों से हमला किया।
गंभीर हालत में योगेंद्र को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि एक आरोपी, अतुल पांडे, को मौके पर ही पकड़ लिया गया है और उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 103(1)/3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
पढ़ें :- IndiGo Crisis : एयरलाइंस की मनमानी पर ब्रेक, सरकार ने फिक्स किया हवाई किराया, 500 किमी के लिए 7500 रुपये, जानें टिकट की नई दरें
क्यों प्रसिद्ध है कालकाजी मंदिर?
दक्षिणी दिल्ली में स्थित कालकाजी मंदिर (Kalkaji Temple) देवी काली को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मंदिर के नाम पर ही आसपास का पूरा क्षेत्र ‘कालकाजी’ कहलाता है। मंदिर के पास ही प्रसिद्ध लोटस टेंपल और सामने नेहरू प्लेस मार्केट सेंटर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए दिल्ली मेट्रो का कालकाजी मंदिर स्टेशन सबसे नजदीकी पड़ाव है। यह मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों में गिना जाता है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यहीं पर देवी काली प्रकट हुई थीं और उनकी स्वयंभू प्रतिमा आज भी मंदिर में स्थापित है। महाभारत काल से जुड़े उल्लेखों में कहा गया है कि इंद्रप्रस्थ की स्थापना के समय भगवान कृष्ण ने पांडवों के साथ सूर्यकूट पर्वत पर पूजा-अर्चना की थी। बाद में यह स्थान ‘जयंती काली मंदिर’ (Jayanti Kali Mandir) के नाम से भी प्रसिद्ध हुआ।