Shakun Shastra : हिन्दू संस्कृति में शकुन अपशकुन का बहुत व्यापक प्रभाव है। प्राचीनकाल से ही शुभ फल देने वाले संकेतों के बारे में चर्चा होती आ रही है। प्राचीन भारतीय धर्म शास्त्रों में इस विषय पर बहुत विस्तृत रूप प्रकाश डाला गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वराह संहिता में शकुन और अपशकुनों के बारे में बताया गया है। शुभ शकुन के बारे में कहा जाता है कि कार्य आरंभ होने से ही इसके संकेत मिलने लगते है। इन संकेतों के माध्यम से यह जाना जा सकता है कि कार्य बिना बाधा में सफल हो जाएगा। इसी तरह कार्य आरंभ में या कार्य के बीच में कुछ ऐसे संकेत मिलते है जिससे यह आकलन किया जा सकता है कि कार्य पूर्ण होने में संदेह होगा, ऐसे संकेतों को अपशकुन कहा जाता है। आइये जानते है जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही शुभ एवं अशुभ-शकुन के बारे में।
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1.यदि जागने पर सबसे पहले दही या दूध से भरे पात्र पर निगाह पड़े तो भी शुभ समझा जाता है।
2.यात्रा के वक्त कल्पवृक्ष, शहद, शराब, या कूड़े से भरी टोकरी राह में दिख जाए तो सफलता प्राप्त होगी।
3.सुहागन स्त्री अथवा गाय रास्ते में आ जाए तो कार्य में पूर्ण सफलता मिले का योग बनता है ।
4.यदि हाथ् से छूट कर किचन में खाद्य तेल गिर जाए घर-परिवार किसी बड़े कर्ज में फसने वाला है।
5.नाक फड़के तो उसे धन की प्राप्ति होती है।
6.दाहिना कान फड़कने का मतलब व्यक्ति को कोई उच्च पद प्राप्त होगा।
7.यदि किसी व्यक्ति की नाक फड़के तो उसे धन की प्राप्ति होती है।
8.सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना अशुभ होता है।
9.इंसान का दाहिना कंधा फड़कने का मतलब अत्यधिक धन लाभ और बायां कंधा फड़कने का मतलब जल्द मिलने वाली सफलता से होता है।
10.स्त्री की बायीं आंख फड़कना ठीक नहीं।