shakun shastra: जीवन में विकास करने के क्रम में हम सब प्रतिदिन कुछ नया काम करते रहते हैं। कभी- कभी कुछ कार्यों में बाधाएं आती है, तो कभी कार्य अपूर्ण रह जाता है। योजनाओं को पूर्ण करने के रास्ते में कभी- कभी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जब हम सब अपने कार्यों की समीक्षा करते हैं तो अनायास ही मन में शकुन – अपशकुन विचार आ जाता है। अधिक जानकारी न होने की वजह से हम सब ठीक -ठीक यह पता नहीं लगा पाते कि अमुक कार्य के लिए । शकुन – अपशकुन के बारे में हमारे प्रचीन शास्त्र हमारा क्या मार्गदर्शन करते है
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शकुन – अपशकुन को लेकर मन उपजने वाली शांकाओं के समाधान के लिए प्राचीन धार्मिक ग्रंथ शकुन शास्त्र में बहुत ही विस्तृत रूप से बताया गया है। आईये जानतें है कि शुभ संकेत क्या होता है? शकुन अपशकुन क्या है? जैसे प्रश्नों के बारे में शकुन शास्त्र में किस तरह हमारी शंकाओं का समाधान मिलता है।
1.प्रातः काल आपको मन्दिर के घंटे, शंख, भक्ति संगीत आदि का स्वर सुनाई दे तो यह बहत ही शुभ माना जाता है। पूरा दिन हंसी ख़ुशी व्यतीत होगा।
2.यदि रास्ते में जाते समय भगवान की आरती, भजन, कीर्तन आदि सुनाई दे तो यह भी बहुत शुभ शकुन माना जाता है। इस संकेत का अर्थ है कि आपकी यात्रा के सफल होने के पूरे योग बनते है।
3.नवजात शिशु के तकिए के नीचे चाकू रखना शुभ होता है। इससे बच्चों की बुरी आत्माओं से रक्षा होती है व नींद में बच्चे रोते भी नहीं हैं।
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4.पुराने व जंग लगे लोहे को घर में रखना अशुभ है। घर में लोहे का सामान साफ करके रखें।
5.गृहिणी के पास चाबियों का कोई ऐसा गुच्छा है, जिस पर बार-बार साफ करने के बाद भी जंग चढ़ जाए तो यह एक अच्छा शकुन है।
6.यात्रा में कूड़े से भरी टोकरी, सामान से लदा हुआ वाहन नजर आ जाए तो निश्चय ही आपको सफलता प्राप्त होगी।
7.घर में छोटा बच्चा अचानक घर में झाडू लगाने लगे तो समझ लीजिए कि मेहमान के आने का संकेत है।