shakun shastra: प्रचीन काल से ही हमारे ऋषियों ने शकुन -अपशकुन के प्रश्न को ध्यान में रख कर शुभ -अशुभ परिणाम प्रदान करने वाली चीजों के लक्षणों पता लगाया। शुभ -अशुभ और शकुन -अपशकुन के प्रश्न पर पौराणिक ग्रंथ शकुन शास्त्र में बहुत विस्तृत व्यख्या मिलती है। दैनिक जीवन में शरीर बहुत प्रतिक्रिया देता रहता है। शरीर के अंगों के अंग फड़कने का विशेष संकेत होता है। सामुद्रिक शास्त्र में अंगों के फड़कने से संबंधित भी कई बातें बताई गई हैं, जो हमें भविष्य में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं के बारे में संकेत करती है।
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पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर उसके शरीर के दाएं भाग में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है। अंग के दिन में फड़कने से लाभ होता है तो उसी अंग के रात्रि में फड़कने से हानि होती है। मान्यता है कि सुहागिन स्त्री तथा विवाहित पुरुष के फड़कने का फल शीघ्र एवं पूरा मिलता है। विधवा स्त्री तथा विधुर पुरूष को अंग फड़कने का फल मध्यम तथा कुछ विलम्ब से प्राप्त होता है।
आईये जानते है अंग फड़कने के शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में।
1.यदि कंधे फड़के तो भोग-विलास में वृद्धि होती है।
2.होंठ फड़क रहे हैं तो वन में नया दोस्त आने वाला है।
3.मस्तक फड़के तो भू-लाभ मिलता है।
4.ललाट का फड़कना स्नान लाभ दिलाता है।
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5.सिर का मध्य भाग भड़कने से धन प्राप्ति होती है।
6.यदि किसी व्यक्ति की नाक फड़के तो उसे धन की प्राप्ति होती है।
7.अगर व्यक्ति की हथेली के किसी कोने में फड़फड़ाहट हो तो वह निकट भविष्य में उसके संकट में घिरने का संकेत होता है।
8.यदि किसी इंसान के दाहिने हाथ का अंगूठा फड़फड़ाए तो इसका मतलब होता है कि उसकी मनचाही मुराद मिलने में विलंब होने जा रहा है