Shami Puja On Dussehra : भगवान भोलेनाथ की सेवा पूजा में शमी की पत्तियों को अर्पित किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि शमी की पत्तियों को अर्पित करने से भगवान भोलेनाथ और न्याय के देवता शनि देव प्रसन्न होते है। विजयदशमी के दिन भगवान भोलेनाथ की सेवा पूजा में शमी की पत्तियों को अर्पित किया जाता है। रावण दहन के बाद देश के कई हिस्सों में शमी के पत्ते को सोना समझ कर देने का प्रचलन है। देश भर में दशहरा के दिन शमी वृक्ष की पूजा भी की जाती है। ऐसी मान्यता है कि विजयदशमी (Shami Puja) के दिन शाम के समय शमी के वृक्ष की पूजा करने से आरोग्य और धन की प्राप्ति होती है।
पढ़ें :- Vijayadashami shubh yog 2024 : विजयदशमी पर बन रहे शुभ योग , इन राशियों को मिल सकता है फायदा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जब भगवान राम लंका पर आक्रमण करने के लिए निकल रहे थे, तब उन्होंने पहले शमी के वृक्ष के सामने अपनी जीत की प्रार्थना की थी। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने शमी की पत्तियों का स्पर्श किया और उन्हें विजय प्राप्त हुई और यह परंपरा आज तक चली आ रही है कि शमी की पत्तियां विजयदशमी के दिन स्पर्श करने या एक दूसरे को देने से सुख-समृद्धि और विजय प्राप्त होती है।
यदि दशहरा के दिन शमी के पेड़ का विधिविधान से पूजन किया जाए तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और धन प्राप्ति के भी रास्ते खुलते हैं।