उत्तर प्रदेश। देश में ज्ञानवापी का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इसकी सुनवाई 4 जुलाई तक स्थगित कर दिया है। जिसको लेकर कई साधु संतों ने अपना बयान दिया। इसी क्रम में श्रीगोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर कहा कि पूर्व में ज्ञानवापी का जो स्वरूप था, उसे एक बार फिर उसी स्वरूप में होना चाहिए।
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और मैं मुसलमानों से विनती करता हूं कि उनके पूर्वजों ने मानवाधिकार की सीमा का अतिक्रमण कर जो कुछ कदम उठाया था, उसे आदर्श न मानें। मानवता का परिचय देकर वह हमारे साथ मिलकर चलें।
यही नहीं शंकराचार्य ने कहा कि जो मुसलमान हिंदुओं को काफिर कहता है, वह यह समझ ले कि जो कुछ कहता है अपने पूर्वजों को कहता है।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि अब हम स्वतंत्र भारत में हैं। अब हमें ध्वस्त मान बिंदुओं को प्रतिष्ठित रखे, और ऐसा करने से हमें दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि ताजमहल से लेकर मक्का तक कई उदाहरण हैं, जहां सब कुछ साबित है। इसलिए हम इतना ही कहेंगे कि सभी लोग शांति का परिचय दें। बुद्धि सदैव सत्य का साथ देती है। इसलिए जो हो रहा है उसे शांतिपूर्वक होने दें।