नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) भारतीय जनता पार्टी (BJP) ‘अबकी बार 400 पार’ (Abki Bar 400 Par) का नारा देकर देश में तीसरी सत्ता पर काबिज होने की पुरजोर कोशिश की है, लेकिन रविवार को सिक्किम विधानसभा चुनाव (Sikkim Assembly Election) की चल रही मतगणना रूझानों में मोदी लहर फेल हो गई है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Sikkim Chief Minister Prem Singh Tamang) के नेतृत्व में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) विधानसभा की 32 सीटों में से 31 पर आगे चल रही है। जबकि सिक्किम विधानसभा (Sikkim Assembly) में बहुमत का आंकड़ा 17 सीटों का है।
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मतगणना रूझानों में एक बार फिर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM ) की सिक्किम की सत्ता में वापसी होती नजर आ रही है। रुझानों में पार्टी प्रचंड बहुमत हासिल करती हुई दिख रही है। एसकेएम (SKM ) ने 31 पर बढ़त बना रखी है। जबकि एक सीट पर एसडीएफ (DSF) आगे है। वहीं बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) अपना खाता खोलने में भी नाकाम रहे। अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो एसकेएम (SKM ) के लिए इस जीत का मतलब होगा कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Sikkim Chief Minister Prem Singh Tamang) अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं।
बतातें चलें कि 2013 में बनाई थी पार्टी चामलिंग की अगुवाई वाले एसडीएफ (SDF) के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang) ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था। उन्होंने एसडीएफ (SDF) पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था। गठन के अगले ही साल 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम (SKM ) ने 10 सीटें जीती थीं। इसके बाद 2019 में 17 सीटें हासिल करके राज्य में 24 से अधिक साल तक सत्ता में रहने के बाद पवन कुमार चामलिंग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
कौन हैं प्रेम सिंह तमांग?
बता दें कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM ) के अध्यक्ष का पूरा नाम पीएस गोले उर्फ प्रेम सिंह तमांग (President PS Gole aka Prem Singh Tamang) है। नेपाली भाषी माता-पिता कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang) का जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ था। उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया। तमांग ने समाज सेवा के लिए तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी और फिर एसडीएफ (SDF) में शामिल हो गए। उनकी तीन दशक की राजनीतिक यात्रा काफी उतार चढ़ाव वाली रही है। वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2009 तक एसडीएफ (SDF) सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। एसडीएफ (SDF) सरकार के चौथे कार्यकाल (2009-14) के दौरान चामलिंग ने उन्हें मंत्री पद देने से इनकार कर दिया। इसके बाद तमांग ने पार्टी छोड़ दी और अपना दल बनाया। उन्होंने एसडीएफ (SDF) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम (SKM ) प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली।
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2016 में गए थे जेल
2016 में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था । इसके बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। प्रेम सिंह तमांग राज्य के पहले ऐसे राजनेता थे जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने सिक्किम हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जिसने फैसले को बरकरार रखा जिसके कारण गोले को समर्पण करना पड़ा। 2018 में जब तमांग जेल से बाहर निकले तो उनके हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया और अपने नेता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए जुलूस निकाला।