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सोनौली:श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर तोड़ा था इंद्र का अहंकार: पं०हरिओम शरण शास्त्री

By Editor-Vijay Chaurasiya 
Updated Date

सोनौली महराजगंज : नगर के श्रीरामजानकी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान के आज गुरुवार की शाम छठवे दिन प्रवचन करते हुए पंडित हरिओम शरण शास्त्री जी ने कहा कि हमें श्रीमदभागवत कथा को सुनकर धर्म की राह पर चलना चाहिए।

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इसके पहले उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की आरती की इसके उपरांत उन्होंने कहा कि मनुष्य को तीन गुणों का दान करना चाहिए देहदान, अभिमान दान और धन दान तीनों दान का अपना बड़ा महत्व है।

श्री शास्त्री जी ने यह भी कहां की भगवान श्री कृष्ण ने यह भी कहा है कि हर व्यक्ति को अपना कर्म करना चाहिए।

श्री शास्त्री जी ने श्री कृष्ण लीला का एक वर्णन करते हुए सुनाया की गोवर्धन में भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इंद्र देव की पूजा रोक दी गई तो इंद्रदेव नाराज हो गए ब्रिज वासियो के ऊपर बारिश बरसाने लगे। ब्रज वासियों की पुकार सुनकर श्री कृष्ण भगवान ने जो कि 7 वर्ष के थे उन्होंने 7 दिनों तक 7 कोस के गोवर्धन पर्वत को अपने उंगली के नाखून पर उठा लिया ब्रजवासियों की रक्षा के लिए। वहीं उन्होने जीवन में श्रीमदभावगत कथा के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा कि कथा सत्संग ही संसारी जीव का बेड़ा पार करा सकता है। उन्होंने कहा कि मानव तन पाकर भी अगर कुछ अच्छा न किया तो इस जीवन का क्या फायदा। मनुष्य जीवन बार-बार नहीं मिलता।
इस अवसर पर सोनू साहू युवा समाजसेवी नगर पंचायत सोनौली कथावाचक पंडित हरिओम शरण शास्त्री जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।

बता दे की श्री रामजानकी मंदिर मे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का यह 14वां वर्ष है। इस दिन मंदिर का वार्षिक उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रीराम जानकी मंदिर के महंत बाबा शिव नारायण दास के नेतृत्व में श्रद्धालु बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित होकर कथा श्रवण कर रहे है ।

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श्री राम जानकी मंदिर के महंंथ बाबा शिव नारायण दास ने बताया कि 31 दिसंबर को इस श्रीमदभागवत कथा का समापन होगा। नगर के लोगों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किए।

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