लखनऊ। यूपी में लगभग 13 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यूपी के प्रमुख राजनीतिक दल ब्राह्मण समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित कर अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) ने अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन (brahmin convention in ayodhya) आयोजित किया था।
पढ़ें :- असत्य का समय हो सकता है लेकिन युग नहीं...उपचुनाव के नतीजों के बाद बोले अखिलेश यादव
इसी क्रम में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav )ने रविवार को पार्टी के दिग्गज ब्राह्मण नेताओं से मुलाकात की है। इस दौरान जल्दी ही यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन( braahman sammelan) के आयोजन की रणनीति बनाई गई। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस ब्राह्मण सम्मेलन का आगाज मंगल पांडे (Mangal Pandey) की धरती बलिया से होने जा रहा है। इस अवसर पर सभी ब्राह्मण नेताओं ने अखिलेश यादव को भगवान परशुराम की प्रतिमा भी भेंट की है।
अखिलेश ने शंख बजाकर किया बैठक का शंखनाद
बैठक के दौरान सभी ब्राह्मण विधायकों ने अखिलेश को शंख भी भेंट किया है। अखिलेश ने सभी ब्राह्मण नेताओं की मौजूदगी में वो शंख बजाकर आज की मींटिग का शंखनाद किया। बता दें कि विधायकों ने अखिलेश को 108 फीट ऊंची भगवान परशुराम की प्रतिमा का मॉडल भेंट किया है।
वहीं लगभग ढाई घंटे तक बंद कमरे में सभी विधायकों के साथ अखिलेश ने बातचीत की है। बता दें कि माता प्रसाद पांडे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, संतोष पांडेय, अभिषेक मिश्रा, सनातन पांडेय और मनोज पांडेय यह सभी विधायक बैठक में उपस्थित थे।
पढ़ें :- प्रियंका ने पहली पारी में राहुल गांधी के रिकॉर्ड को किया ध्वस्त,4.03 लाख वोटों के अंतर से जीता चुनाव
विधानसभा चुनाव को देखते हुए सपा प्रमुख का खास फोकस गैरयादव पिछड़ी जातियों को लुभाने पर है। इसी रणनीति के तहत अखिलेश यादव ने गैरयादव जातियों के नेताओं को खास तवज्जो देनी शुरू कर दी है। निषाद, कश्यप, कुर्मी, सैनी, शाक्य, कुशवाहा आदि जातियों के नेताओं की गोलबंदी कर साथ लाने की कोशिश की जा रही है।
पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने जिलों में पिछड़ा सम्मेलन शुरू कर दिए हैं। सुल्तानपुर,जौनपुर के बाद अब इस तरह के सम्मेलन गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर और भदोही में होंगे। यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य की हर बड़ी पार्टी अपनी चुनावी तैयारियों को धार देने में जुटी हुई हैं। प्रदेश में 2017 जैसी पैठ बनाने के लिए समाजवादी पार्टी पूरी मेहनत करते दिख रही है।