लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले समाजवादी पार्टी से बागी हुए नेताओं को बड़ा झटका लगा है। ये नेता अपने ही गढ़ में परास्त हो गए। इन नेताओं के इलाके में भाजपा बुरी तरह से परास्त हुई। ऐसे में कहा जा रहा है कि, इन बागियों से भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि, राज्यसभा चुनाव में सपा के इन बागी विधायकों ने भाजपा को जरूर फायदा पहुंचाया था लेकिन अब भाजपा के साथ इन बागियों को बड़ा झटका लगा है।
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हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के करीब आधा दर्जन विधायक बागी हो गए थे। इन विधायकों को बागी होने के बाद समाजवादी पार्टी को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन लोकसभा चुनाव में ये बागी विधायक अपनी ही राजनीति में बुरी तरह से पस्त हो गए। दरअसल, सपा से बागी हुए विधायकों में राकेश प्रताप सिंह का नाम शामिल है। राकेश प्रताप सिंह की गिनती कद्दावर नेताओं मे होती है लेकिन इनके यहां अमेठी से बीजेपी को हार मिली और कांग्रेस को जीत हासिल हुए।
इसी तरह से कभी समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे मनोज पांडे ने भी बगावत की थी लेकिन इनके यहां रायबरेली में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। अंबेडरकर के राकेश पांडे ने भी सपा से बगावत की थी लेकिन यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। अभय सिंह ने सपा से बगावत करके राज्यसभा चुनाव में भाजपा के साथ आए थे लेकिन इनके यहां अयोध्या में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।
इसके साथ ही MLA विनोद चतुर्वेदी ने बगावत की और जालौन में BJP को हार का सामना करना पड़ा। पूजा पाल ने सपा से बगावत की लेकिन इसका असर लोकसभा चुनाव में नहीं दिखने को मिला और कौशांबी में भी BJP हार मिली। साथ ही पल्लवी पटेल को भी बड़ा झटका लगा है। इन्होंने भी सपा से बागी तेवर अपना लिए लेकिन इसका फायदा नहीं पहुंचा। इनके भी क्षेत्र कौशांबी में भी सपा को जीत मिली और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा के दिग्गज नेता रहे नारद राय ने पार्टी का साथ छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन इसका फायदा बीजेपी को नहीं मिला और बलिया में सपा को बड़ी जीत मिली।