लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद कई राजनीतिक पार्टियां अपने नये प्रदेश अध्यक्ष तलाश रही हैं। यूपी के सियासी दलों भाजपा, कांग्रेस के साथ ही रालोद और आम आदमी पार्टी को नए प्रदेश अध्यक्षों की तलाश है। साल 2024 में देश भर में होने वाले लोकसभा के चुनाव से पहले पार्टियां इस तरह के समीकरण बनाने में जुटी हुई हैं कि किन जातियों के लोगो को पद सौंप अगामी चुनाव में इसका लाभ लिया जा सके। हर पार्टी के नेताओं के लिए ये फैसला करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। भाजपा में इसे लेकर जहां मंथन जारी है तो कांग्रेस, रालोद व आप भी नए चेहरे की तलाश में हैं।
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भारतीय जनता पार्टी
पार्टी लोकसभा चुनावों में ब्राह्मण चेहरे के साथ चुनाव में उतरती रही है जबकि विधानसभा चुनावों में ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया जाता रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो संगठन मंथन में जुटा है कि इस बार अध्यक्ष किसे बनाया जाए। पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव में दलितों ने पार्टी को जमकर वोट दिया। भाजपा का कुछ ओबीसी वोट मसलन, कुर्मी पार्टी से छिटके भी।
कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय कुमार लल्लू ने विधानसभा चुनावों में अपनी व पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण 15 मार्च को इस्तीफा दे चुके हैं। तब से कांग्रेस हाईकमान कई दिग्गजों के नाम पर मंथन करने में जुटे हैं। पार्टी के अंदरखाने में चर्चा है कि अध्यक्ष के साथ प्रदेश में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे। एक महीने 20 दिन बीत जाने के बाद भी किसी नाम पर सहमति नहीं जताई गई। फिलहाल, कांग्रेस के कई दिग्गजों जैसे निर्मल खत्री, प्रमोद तिवारी, नदीम जावेद, पीएल पुनिया, राजेश मिश्रा व प्रमोद कृष्णम के नाम चर्चा में हैं।
आम आदमी पार्टी ने भी भंग कर रखी है कमेटी
विधानसभा चुनाव के बाद से आम आदमी पार्टी की प्रदेश कमेटी भी भंग चल रही है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रदेश कमेटी के साथ ही सभी जिला, महानगर व विधानसभा समेत प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी भी भंग करने की घोषणा की थी। प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इसका सभी को इंतजार है।
रालोद में भी नहीं है प्रदेश अध्यक्ष
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 14 मार्च को चुनाव के बाद प्रदेश कार्यसमिति को भंग कर दिया था। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने पार्टी छोड़ दी। रालोद में पूर्व विधायक शिवकरण सिंह, राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के नामों की प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा है।
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बसपा में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं
बसपा भी विधानसभा में अपेक्षित नतीजे नहीं पा सकी। मायावती ने चुनाव बाद कई बदलाव किए हैं। कोआर्डिनेटर व्यवस्था खत्म करने के बाद मंडलीय प्रभारी बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि मिशन-2024 के मद्देनज़र पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भीम राजभर के बजाय किसी अन्य पर दांव लगा सकती है।
समाजवादी पार्टी
उत्तरप्रदेश के विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है। पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में 111 सीटें जीतने में सफल रही। सपा गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 125 सीटों पर जीत दर्ज की। इस दौरान अखिलेश पार्टी के इकलौते चेहरे के तौर पर पूरी चुनाव में नजर आये। ऐसे में पार्टी चाहती है कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ऐसे किसी व्यक्ति को सौंपा जाये जो खुद भी एक अच्छा चेहरा हो।