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यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन में तैनात जवानों की सुरक्षा के लिए मोबिलिटी और लॉजिस्टिक्स को किया मजबूत

By Satish Singh 
Updated Date

नई दिल्ली। इंडियन आर्मी के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर (Indian Army Deputy Chief Lieutenant General Rakesh Kapoor) ने कहा कि भारत ने यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन (United Nations Peacekeeping Mission) में तैनात अपने सैनिकों के लिए सुरक्षा, मोबिलिटी और लॉजिस्टिक्स (Mobility and Logistics) को मजबूत किया है। डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने यह भी बताया कि आर्मी का मॉडर्नाइजेशन (modernization) का मकसद भारतीय शांति सैनिकों को मुश्किल मिशन के माहौल में बेहतर सुरक्षा और ज्यादा भरोसेमंद सपोर्ट देना है।

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लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने कहा कि हमारे मॉडर्नाइजेशन के प्रयास आत्मनिर्भर भारत पर आधारित हैं, जो हमारे ब्लू हेलमेट (blue helmet) की सुरक्षा और असर सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने बताया कि ये अपग्रेड भारत के बड़े आत्मनिर्भरता लक्ष्यों से करीब से जुड़े हैं। यूएन के शांति सैनिकों को अक्सर उनके हल्के नीले रंग के हेडगियर (headgear) की वजह से ब्लू बेरेट्स या ब्लू हेलमेट कहा जाता है। डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने आगे कहा कि आर्मी ने मुश्किल और मुश्किल इलाकों में सैनिकों के आने-जाने और काम करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए कई नए प्लेटफॉर्म पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपने सैनिकों के इक्विपमेंट को काफी अपग्रेड किया है, जिसमें मोबिलिटी और प्रोटेक्शन पर फोकस किया गया है। इसमें कल्याणी M4 आर्मर्ड व्हीकल्स (M4 Armored Vehicles) जैसी देसी, खास गाड़ियां, जिनमें ब्लास्ट रेजिस्टेंस बेहतर है और मुश्किल इलाकों के लिए शेर्प ऑल-टेरेन व्हीकल्स (Sherp All-Terrain Vehicles) तैनात करना शामिल है। ब्लू हेलमेट ऑपरेशन से मिलने वाले लॉजिस्टिक सपोर्ट के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल कपूर ने कहा कि सेना ने यह पक्का करने के लिए कदम उठाए हैं कि शांति सैनिकों को बिना देर किए सप्लाई और मदद मिले। खासकर इमरजेंसी के दौरान।

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