नई दिल्ली: ज़िंदगी कब बादल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन ये बात भी सच है कि मेहनत कभी खाली नहीं जाती कभी न कभी हमारी मेहनत सफलता का डंका बजा ही देती है कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश VLCC मिस इंडिया 2020 फर्स्ट रनर अप बनी मान्या सिंह की स्ट्रगल लाइफ जान कर आपको लगेगा ।
पढ़ें :- जो भी गड़बड़ी करेगा, उसके खिलाफ क़ानून सख़्ती से कार्रवाई करेगा...संभल हिंसा पर बोले केशव मौर्य
तेलंगाना की मानसा वाराणसी ने वीएलसीसी मिस इंडिया 2020 का खिताब जीत लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश की मान्या सिंह फर्स्ट रनर अप और मनिका शियोकांड दूसरी रनर अप रहीं। मान्या सिंह का सफर काफी मुश्किल भरा रहा है।
उनका मिस इंडिया के स्टेज तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं था। इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपनी स्टोरी शेयर की थी।उन्होंने बताया कि कैसे रिक्शा चालक की बेटी मिस इंडिया के स्टेज तक पहुंच सकती है।
पापा चलाते हैं रिक्शा
मान्या सिंह के पिता रिक्शा चालक हैं। ऐसे में मान्या को सब कुछ हाथ में नहीं मिला। उसके लिए उन्होंने कड़ी महनत की। कई रात वो बिना खाए नींद लीं। इंस्टाग्राम पर अपने परिवार की तस्वीरों के शेयर करते हुए मान्या ने लिखा, ‘मैंने भोजन और नींद के बिना कई रातें बिताई हैं। मैं कई दोपहर मीलों पैदल चली। मेरा खून, पसीना और आंसू मेरी आत्मा के लिए खाना बने और मैंने सपने देखने की हिम्मत जुटाई। रिक्शा चालक की बेटी होने के नाते, मुझे कभी स्कूल जाने का अवसर नहीं मिला क्योंकि मुझे अपनी किशोरावस्था में काम करना शुरू करना था।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे पास जितने भी कपड़े थे, वो खुद से सिले हुए थे। किस्मत मेरे पक्ष में नहीं थी। मेरे माता-पिता ने अपने जेवर गिरवी रखे, ताकी वो डिग्री के लिए परीक्षा फीस दे सकें। मेरी मां ने मेरे लिए बहुत कुछ झेला है। 14 साल की उम्र में, मैं घर से भाग गई।’
पढ़ें :- IPL Auction: आईपीएल के इतिहास में सबसे महंगे खिलाड़ी बने ऋषभ पंत, लखनऊ ने 27 करोड़ में खरीदा
आगे उन्होंने बताया, ‘मैं किसी तरह दिन में अपनी पढ़ाई पूरी करने में कामयाब रही। शाम को बर्तन साफ किया करती थी और रात में कॉल सेंटर में काम किया। मैंने स्थानों तक पहुंचने के लिए घंटों पैदल चला है ताकि मैं रिक्शा का किराया बचा सकूं।’