नई दिल्ली। दिलीप कुमार के मरणोपरांत सुनिल गवास्कर ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में सिर्फ दो ही लोग थे, जिन्हें मैं अविनाशी समझता था। उनमें से एक मेरे मामा माधव मंत्री थे, जिनका सात साल पहले निधन हो गया और सितंबर में उनकी जन्म शताब्दी है, जबकि दूसरे दिलीप साहब थे।
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भारतीय सिनेमा में उनके समय ऐसा लगता था कि वह काफी जिंदादिल इंसान हैं। ऐसा प्रतीत होता था कि बढती उम्र भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी और ऐसे ही उनका जलवा कायम रहेगा। हालांकि, अफसोस कि सर्वशक्तिमान को शायद अपने पास उनकी जरूरत पड़ी तो उन्होंने हमसे इस महानायक को छीन लिया।