नई दिल्ली। सुपरस्टार मोहनलाल (superstar mohanlal) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह (National Film Awards Ceremony) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से देश के सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) ग्रहण किया, जिसके बाद दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। केरल के अभिनेता ने संबोधित करते हुए पूरे मलयालम सिनेमा जगत को धन्यवाद दिया और उन्हें यह पुरस्कार समर्पित किया। उन्होंने इस पुरस्कार को फिल्म उद्योग की विरासत, रचनात्मकता और लचीलेपन के लिए एक सामूहिक श्रद्धांजलि करार दिया। मोहनलाल ने कहा कि यह क्षण अकेले मेरा नहीं है, यह पूरे मलयालम उद्योग का है।
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सुपरस्टार मोहनलाल ने कहा कि मैंने कभी इस दिन के सच होने का सपना नहीं देखा था। मैं हमारे उद्योग के अग्रदूतों और हमारे प्रशंसकों की ओर से यह पुरस्कार स्वीकार करता हूं। उन्होंने निर्णायक मंडल के सदस्यों और भारत सरकार (Government of India) का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आत्मविंते स्पंदनम आनु सिनेमा सिनेमा मेरी आत्मा की धड़कन है। समारोह में उनके चार दशकों के सिनेमाई करियर का एक छोटा सा मोंटाज दिखाया गया। 65 वर्षीय मोहनलाल दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के कलाकार हैं और अदूर गोपालकृष्णन के बाद यह पुरस्कार पाने वाले मलयालम फिल्म उद्योग के दूसरे कलाकार हैं। अभिनेता ने अपने सम्मान को किसी व्यक्तिगत उपलब्धि से कहीं अधिक महान बताते हुए कहा कि यह उन सभी का है जो उनके सिनेमाई सफर में उनके साथ रहे हैं। मलयालम फिल्म उद्योग के प्रतिनिधि के रूप में, मैं इस राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित होने वाला सबसे कम उम्र का और राज्य का दूसरा व्यक्ति होने पर बेहद गौरवान्वित हूं।