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गुरमीत राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, सीबीआई ने हाईकोर्ट से मिली राहत को दी चुनौती

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड (Ranjit Singh Murder Case) मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) के फैसले के बाद बरी किए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Dera Sacha Sauda chief Gurmeet Ram Rahim Singh)  को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोटिस दिया है। मई 2024 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court)  ने हत्याकांड में राम रहीम को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले को हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Dera Sacha Sauda chief Gurmeet Ram Rahim Singh) और चार अन्य को नोटिस जारी किया है।

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रणजीत सिंह की 2022 में हुई थी हत्या

10 जुलाई 2002 की शाम को गोलियां मारकर सिरसा डेरे के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या (Ranjit Singh Murder ) कर दी गई थी। 2003 में इस मामले की जांच सीबीआई (CBI)  को सौंपी गई थी। जांच के बाद सीबीआई (CBI)  ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Dera chief Gurmeet Ram Rahim) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई (CBI)  की सजा को खारिज करते हुए राम रहीम को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जिस गन से फायर होने की बात कही गई वह घटना के समय शस्त्रागार में जमा थी। अपराध में इस्तेमाल की गई कार को भी बरामद नहीं किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गाड़ी में चार लोग फायर कर रहे थे तो बाकी के तीन हथियार कहां हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जांच अस्पष्ट थी और पेश किए गए साक्ष्य विश्वसनीय नहीं थे। इन सभी को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने पांचों आरोपियों की याचिका मंजूर करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया।

सीबीआई को 2003 में  सौंपी गई थी जांच

पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई (CBI)  जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच सीबीआई (CBI)  को सौंपी थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई (CBI)  ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई (CBI)  को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।

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