नई दिल्ली। ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सरकार के समक्ष प्रतिनिधत्व दर्ज कराने की अनुमति दी है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के रिटायर जज की अध्यक्षता में आयोग बनाने का भी अनुरोध किया गया था।
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हालांकि, शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हमें यकीन है कि सरकार इसकी जांच कर उचित कार्रवाई कर रही है। हमने पीएम का भी बयान देखा है कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। कानून अपना काम करेगा। हम दखल नहीं देना चाहते। आप सरकार को ज्ञापन दें।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मीडिया को बिना किसी सबूत के किसानों को आतंकवादी घोषित नहीं करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
बता दें कि, नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकाली गयी थी। इस दौरान दिल्ली की सड़कों पर जमकर बवाल हुआ। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ भी उनकी झड़प हुई। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।