Suresh Khanna Jeevan Parichay : योगी सरकार (Yogi Sarkar) में वित्त, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा (कैबिनेट) मंत्री 58 वर्षीय सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) का जन्म 1954 में शाहजहांपुर शहर के दीवान जोगराज मुहल्ले में हुआ था। इनकी माता का नाम कान्ति देवी व पिता का नाम रामनारायण खन्ना है।
पढ़ें :- 'इंडिया फॉर चिल्ड्रेन' को मिला प्रतिष्ठित 'द गोल्डन स्टार आइकॉन अवार्ड'
जीवन परिचय
नाम –सुरेश खन्ना
पिता का नाम-रामनारायण खन्ना
माता का नाम –कान्ति देवी
पढ़ें :- IND vs AUS: क्या ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाएंगे शमी? अब BCCI ने दिया बड़ा अपडेट
जन्म तिथि -06 मई, 1953
निर्वाचन क्षेत्र– 135, शाहजहांपुर
जन्म स्थान- शाहजहांपुर
धर्म -हिन्दू
जाति -खत्री
शिक्षा स्नातक -(आगरा विश्वविद्यालय), एल-एलबी (लखनऊ विश्वविद्यालय)
व्यवसाय- वकालत
पैतृक निवास – मकान नं0 6, दीवान जोगराज, जनपद- शाहजहांपुर ।
सुरेश खन्ना स्वयं को मानते हैं पूर्णकालिक राजनीतिक कार्यकर्ता
सुरेश खन्ना ने जीएफ कॉलेज, शाहजहांपुर स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University), लखनऊ से एलएलबी की है। सुरेश खन्ना अविवाहित हैं और दीवान जोगराज (शाहजहांपुर) स्थित पैतृक निवास में अपने भाई के परिवार के साथ रहते हैं। सुरेश खन्ना स्वयं को पूर्णकालिक राजनीतिक कार्यकर्ता ही मानते हैं।
1989 से 2017 तक लगातार आठ बार यूपी विधानसभा चुनाव ( UP assembly elections) जीतने का बनाया रिकॉर्ड
पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी. रामसुब्रमण्यम एनएचआरसी के अध्यक्ष नियुक्त
शाहजहांपुर शहर में जन्मे सुरेश कुमार खन्ना उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ( UP assembly elections) 1989 से 2017 तक लगातार आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड (Record of winning elections eight times) बना चुके हैं। शहर में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा (BJP )ने उन्हें सन 2004 में शाहजहांपुर जिले से लोकसभा का चुनाव भी लड़ाया, जिसमें उन्हें केवल 16.34 फीसदी मत प्राप्त हुए थे।
सुरेश खन्ना छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। छात्र राजनीति के बाद उन्होंने सन 1980 में शाहजहांपुर (Shahjahanpur) की नगर विधान सभा का चुनाव लोक दल के प्रत्याशी के रूप में लड़ा था, किन्तु कामयाब नहीं हुए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 1989 में भाजपा के टिकट पर उसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज़ की।
इस जीत के बाद उनका राजनीतिक कद बढ़ता ही गया। इसके बाद वह 1991 के चुनाव में वे फिर से विधायक चुने गये और राज्य मन्त्री बने। 1993, 1996, 2002 में भी उन्होंने चुनाव जीता और सरकार में मन्त्री बने। 2007 के विधान सभा चुनाव में भी सुरेश खन्ना का विजय रथ (victory chariot) कोई भी पार्टी रोक नहीं सकी।
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में खन्ना की अच्छी पकड़ है। इस समय सुरेश खन्ना उत्तर प्रदेश विधान मण्डल (Uttar Pradesh Legislature) में भाजपा के मुख्य सचेतक है। जिले की जनता में भी वह काफी लोकप्रिय हैं।
बिसरात घाट पर खन्नौत नदी के बीचो बीच 104 फुट ऊंची हनुमान की विशालकाय मूर्ति सुरेश खन्ना ने स्थापित करवाई
पढ़ें :- परभणी हिंसा सरकार द्वारा प्रायोजित घटना, देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ हम लाएंगे विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव : नाना पटोले
शाहजहांपुर शहर के बिसरात घाट पर खन्नौत नदी के बीचो बीच 104 फुट ऊंची हनुमान की विशालकाय मूर्ति सुरेश खन्ना ने स्थापित करवाई है। इसके अलावा शहीद उद्यान व स्वामी विवेकानन्द पब्लिक लाइब्रेरी का निर्माण भी सुरेश खन्ना इसी शहर में करा चुके हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि भारतवर्ष की यह सबसे बड़ी हनुमानजी की प्रतिमा है।