Surya Mani Stone: साथ ही रत्नों में मानव को सुखमय, उल्लासपूर्ण बनाने की अप्रतिम क्षमता है। वहीं देखा गया है कि कुछ लोग नाम राशि के अनुसार रत्न धारण कर लेते हैं जो कि गलत है। आपको बता दें कि मनुष्य को जन्मकुंडली के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए।वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
पढ़ें :- Vivah Muhurat 2024 : नवंबर में इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य , जानें शुभ मुहूर्त और शुभ विवाह की तिथियां
रंग लाल होने के कारण यह लालडी़ कहलाता है
रत्न हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका धारण करना चाहिए। माणिक्य के उपरत्न के बारे में, जिसका नाम है सूर्यमणि। इसका दूसरा नाम लालड़ी भी है।सूर्य के इस उपरत्न का रंग लाल होने के कारण यह लालडी़ कहलाता है। यह उपरत्न रक्त जैसा लाल तथा कृष्ण वर्ण जैसी आभा लिए होता है।
उपरत्न धारण कर लेना बहुत असरदार रहता है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह से मिलने वाले लाभ इस रत्न को धारण करने के बाद प्राप्त् होते है।राज्य या सरकार से मिलने वाले लाभ मिलते हैं। सूर्य पिता है ऎसे में कुण्डली में भी सूर्य की स्थिति पिता के साथ संबंधों को दर्शाती है। इसलिए यदि जातक रोगी है और उसे स्वास्थ्य लाभ चाहिए तो उसके लिए सूर्य का उपरत्न धारण कर लेना बहुत असरदार रह सकता है।