Sushil Singh jeevan Parichay : यूपी (UP) के चंदौली जिले (Chandauli District) में निर्वाचन क्षेत्र – 382, सैयदराजा विधानसभा सीट (Constituency – 382, Sayedaraja Assembly seat) पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के टिकट पर उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा चुनाव (17th assembly election of Uttar Pradesh) में विरोधियों को पटखनी देते हुए कमल खिलाया। बता दें कि सुशील सिंह (Sushil Singh) तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। लोकसभा चुनाव 2014 (Lok Sabha Elections 2014) के दौरान बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया।
पढ़ें :- UP Cabinet : योगी कैबिनेट ने उच्च शिक्षा को नई दिशा, लिए दो महत्वपूर्ण फैसले,एक और निजी विश्वविद्यालय को मिली मंजूरी
शिक्षा और जीवन शैली
सुशील सिंह का मूल रूप से 25 दिसम्बर, 1977 को सकलडीहा में जन्म हुआ था। सुशील सिंह ने वर्ष 1994 में वाराणसी के जेपी मेहता महापालिका इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त की है। इन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है।
सुशील सिंह का राजनीतिक इतिहास
बसपा से राजनीति की शुरुआत करने वाले सुशील सिंह के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो उन्होंने 2002 में चंदौली के धानापुर सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन महज 26 वोट से हार गए,लेकिन दोबारा उसी सीट पर वर्ष 2007 से 2012 तक धानापुर से बहुजन समाज पार्टी से विधायक रह चुके हैं। जबकि अगले चुनाव में टिकट न मिलने पर निर्दल ही चुनाव मैदान मे उतरे और सफलता हासिल की। सुशील सिंह का राजनीतिक जीवन सन 2000 से शुरू हुआ। जब वह को-ऑपरेटिव बैंक वाराणसी के डायरेक्टर चुने गए।
पढ़ें :- यह भ्रष्टाचार का बेहद ख़तरनाक खेल है...अडानी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने साधा निशाना
ये है पूरा सफरनामा
नाम- सुशील सिंह
निर्वाचन क्षेत्र – 382, सैयदराजा विधानसभा सीट, चंदौली
दल – भारतीय जनता पार्टी
पिता का नाम- उदयनाथ सिंह
जन्म तिथि- 25 दिसम्बर, 1977
जन्म स्थान- वाराणसी
धर्म- हिन्दू
जाति- क्षत्रिय
शिक्षा- स्नातक
विवाह तिथि- 02 मई, 1995
पत्नी का नाम- किरन सिंह
सन्तान- एक पुत्र, दो पुत्री
व्यवसाय- कृषि, व्यापार (दुकान आदि), अन्य
मुख्यावास: ग्रा. ताजपुर, पो. सकलडीहा, जिला- चन्दौली
जानें सुशील सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि
सुशील सिंह अंडरवर्ल्ड डॉन बृजेश सिंह के भतीजे हैं। उनके अन्डरग्राउंड रहने के दौरान सालों तक उनके कारोबार को बढ़ाने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। सुशील सिंह के ऊपर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज है। जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, फिरौती, गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट के मुकदमें प्रमुख है। यूपी में वाराणसी मिर्जापुर और भदोही में कई थानों में इनके खिलाफ मामला दर्ज हैं।
राजनीतिक योगदान
पढ़ें :- सपा की पुनर्मतदान की मांग साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में खिल चुका है कमल : केशव मौर्य
2007, अप्रैल-मई 15वीं विधान सभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
2012, मार्च 16वीं विधान सभा के सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
2017, मार्च 17वीं विधान सभा के सदस्य तीसरी बार निर्वाचित