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Swami Prasad Maurya Jeevan Parichay: गरीब, दलित और पिछड़ों की हमेशा आवाज बने स्वामी प्रसाद मौर्य

By शिव मौर्या 
Updated Date

Swami Prasad Maurya jeevan parichay: भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की गिनती जमीनी नेताओं में होती है। बिरदारी के साथ ही पिछड़ी और दलित जाति में इनकी गहरी पैठ है। पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ ही गरीब, दलित और पिछड़ों के हक की हमेशा से लड़ाई लड़ते आए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले इन्होंने बसपा छोड़ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार पिछड़े, दलित और गरीबों की आवाज उठाते रहे।

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जीवन शैली…
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) मौजूदा समय में कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से विधायक हैं। पिता का नाम स्व0 बदलू मौर्य है। इनका जन्म दो जनवरी 1954 को चकबड़, प्रतापगढ़ में हुआ था। इन्होंने एमए, एलएलबी तक पढ़ाई की है। इनकी शादी शिवा मौर्या के साथ 1970 में हुई थी। इनके एक पुत्र और एक पुत्री है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इन्होंने पढ़ाई की। इस दौरान ही वो कांशीराम के संपर्क में आए, जिसके बाद वो गरीब, दलित और पिछड़ों की राजनीति करने लगे। साथ ही मायावती के करीबियों में शामिल हो गए। 1984 में बसपा के गठन के बाद से स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से दलित और पिछड़ों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।

राजनीतिक इतिहास…
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री है और कुशीनगर के पडरौना से विधायक हैं। योगी मंत्रिमंडल में श्री मौर्य श्रम एवं सेवायोजन, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग के मंत्री हैं। 2017 से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य की गिनती बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबियों में होती थी। बसपा की सरकार में श्री मौर्य कई बार मंत्री भी रहे। साथ ही नेता सदन, उत्तर प्रदेश विधान परिषद् और नेता, विरोधी दल, उत्तर प्रदेश विधान सभा रहे हैं। शुरू से ही इन्होंने दलित और पिछड़ों की राजनीति की है।

ये है पूरा सफरनामा
नाम — स्वामी प्रसाद मौर्य
पिता — स्व0 बदलू मौर्य
जन्मतिथि — 02 जनवरी, 1954
पत्नी — शिवा मौर्या
विवाह तिथि — सन 1970
सन्तान — एक पुत्र, एक पुत्री
व्‍यवसाय — कृषि, वकालत
मुख्यावास — ग्राम- चकवड़, जनपद- प्रतापगढ़
अस्थाई पता — 6/237 ई0, विपुल खण्ड, गोमतीनगर, जनपद- लखनऊ

राजनीतिक योगदान
1996, सितम्बर- अक्टूबर — तेरहवीं विधान सभा के सदस्य पहली बार निर्वाचित
1997, मार्च — मंत्री, खादी एवं ग्रामोद्योग (मायावती बसपा)
1997, सितम्बर — भाजपा मंत्रिमण्डल
1997, सितम्बर — मंत्री, खादी एवं ग्रामोद्योग ( कल्याण सिंह भाजपा)
1997, अक्टूबर — बसपा मंत्रिमण्डल
1997-98 — सदस्य कार्यमंत्रणा समिति
2001 — नेता, बहुजन समाज पार्टी विधानमण्डल दल
2001, सितम्बर से — नेता, विरोधी दल, उत्तर प्रदेश विधान सभा 2001, अक्टूबर तक
2002, फरवरी — चौदहवीं विधान सभा के सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
2002, मई से — मंत्री, खादी एवं ग्रामोद्योग (मायावती मंत्रिमण्डल) 2003, अगस्त तक
2002, मई से — नेता सदन, उत्तर प्रदेश विधान परिषद्, 2003, अगस्त तक
2003, अगस्त से नेता, विरोधी दल, उत्तर प्रदेश विधान सभा, 2003 सितम्बर तक
2007, मई — मंत्री, राजस्व एवं सहकारिता (मायावती मंत्रिमण्डल)
2009, नवम्बर — पन्द्रहवीं विधान सभा के सदस्य उपचुनाव में तीसरी बार एवं पड़रौना विधान सभा से पहली बार निर्वाचित
2009, नवम्बर से मंत्री, पंचायती राज विभाग (मायावती मंत्रिमण्डल) 2012, मार्च तक
2012, मार्च — सोलहवीं विधान सभा के सदस्य चौथी बार निर्वाचित
2012, मार्च — नेता विरोधी दल, उत्तर प्रदेश विधान सभा
08 अगस्त, 2016 भाजपा में शामिल
2017, मार्च — सत्रहवीं विधान सभा के सदस्य पांचवीं बार निर्वाचित
19 मार्च, 2017 — मंत्री, श्रम एवं सेवायोजन, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन
( योगी आदित्य नाथ मंत्रिमंडल)

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अन्‍य जानकारी
संयोजक, युवा लोकदल इलाहाबाद (1980 में), सदस्य कार्य समिति, युवा लोकदल उ0प्र0 (1981 में), प्रदेश महामंत्री, युवा लोकदल (1982 से 1985) सदस्य, प्रदेश कार्यसमिति लोकदल (1982 से 1985), प्रदेश महामंत्री लोकदल (1986 से 1989), मुख्य महासचिव, लोकदल (1989 से 1991), प्रदेश महासचिव जनता दल (1991 से 1995), प्रदेश महामंत्री/उपाध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी उ0प्र0 (1996 में), अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी उ0प्र0, दलित पिछड़ों के सम्मान हेतु अनेक बार धरना प्रदर्शन एवं आन्दोलनों के माध्यम से लगभग 25 बार गिरफ्तारियां दी और जिला कारागार, प्रतापगढ़ व रायबरेली में लगभग 40 दिन बंदी रहे।

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