नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया (Bollywood Actress Tamannaah Bhatia) ने ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ (Bahubali: The Beginning) फिल्म साल 2015 में रिलीज हुई थी। इसमें प्रभास लीड रोल में नजर आए थे। इस फिल्म के एक सीन को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें प्रभास, तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) के कपड़े उतारते हैं और उनका नेचुरल मेकअप करते हैं। इस सीन को लेकर एक आर्टिकल भी छपा, जिसका टाइटल था ‘अवंतिका का रेप’ (Avantika was raped)। हाल ही में इस मामले को लेकर तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) ने खुलकर बात की।
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एक पोर्टल को दिए इंटरव्यू में तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) ने ‘बाहुबली’ के विवादित सीक्वेंस को लेकर कहा कि जब लोग आपको कंट्रोल नहीं कर सकते, तो वे एक टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं और वो है शेम और गिल्ट। क्योंकि वे हमेशा आपको ऐसा महसूस कराते हैं कि आप जो भी कर रहे हैं, उसके लिए आपको शर्मिंदा होना चाहिए, जब वे आपको ऐसा महसूस करा सकते हैं, तो वे आप पर कंट्रोल पा सकते हैं।
लोग आपको शर्मिंदा महसूस कराना चाहते हैं
तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) कहा कि जो चीज इतनी प्योर है। उसी को हम सबसे गंदी नजर से देखते हैं। वो नजरिया हमें ऐसा महसूस कराता है कि हमें अपने जीवन के उस पहलू को लेकर शर्मिंदा होना चाहिए उसे छुपाना चाहिए। उस पर बात नहीं करनी चाहिए, या हम उस बारे में खुलकर बात नहीं कर सकते। लोग हमेशा आपको ऐसा महसूस कराना चाहते हैं कि आपने कुछ गलत कर दिया है। लेकिन यह तो जिंदगी की सबसे बुनियादी चीज है। इसी वजह से हम आज यहां हैं। ये बात मुझे आज तक समझ में नहीं आई कि लोग क्यों जब आप एक फिल्म देखते हैं वो एक डायरेक्टर का विजन होता है, फिर भी लोग उसे जज करते हैं।
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इसके अलावा फिल्म में उस खास सीक्वेंस को लेकर तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) ने डायरेक्टर एसएस राजामौली का विजन भी बताया। उन्होंने कहा कि मुझे याद है जब राजामौली सर मुझे पूरा सीन समझा रहे थे, तो उन्होंने कहा था कि वो एक दिव्य स्त्री है, जो अंदर से आहत है। वह सुंदर है। वह स्त्रीत्व से भरपूर है। वह प्यार करना चाहती है, लेकिन उसने अपने जीवन में इतना कुछ सहा है कि उसे लगता है कि उसे सभी को खुद से दूर रखना चाहिए। वह किसी को भी अपने करीब आने नहीं देती, क्योंकि उसे डर है कि लोग उसका फायदा उठाएंगे। इसलिए वह सीमाएं बनाकर रखती है। लेकिन यहां एक लड़का है, जो सिर्फ उसे रिझाने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह खुद देख सके कि
वह कितनी सुंदर है।’
फिल्म में क्या था उस सीन का महत्व?
उन्होंने कहा, कि अगर आपको इसे विजुअली दिखाना पड़े, तो पूरा एक सीक्वेंस था। बालियां पहनाई जाती हैं, बिंदी लग जाती है। फिर जब वह खुद को देखती है, अपना खुद का चेहरा देखती है, तो वह देखती है कि अरे, मुझे तो हमेशा लगता था कि मुझे एक योद्धा बनकर रहना है। उसने खुद को इतना मजबूत बना लिया था कि उसकी जो नम्रता थी, मासूमियत थी, वो कहीं न कहीं खो गई थी। और यही वो जगह है जहाँ शिवा का किरदार उसे फिर से उसके असली स्वरूप से जोड़ता है।
सेक्स को बुरी चीज मानते हैं लोग
तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) ने बताया, कि यह था नजरिया। अब ये उनका नजरिया है। वो हर चीज को वैसे ही देखते हैं, क्योंकि हर कोई चीजों को अपने तरीके से समझता है। आप कुछ भी दिखा दीजिए, चाहे आप दुनिया की सबसे पवित्र चीज ही क्यों न दिखा दें। अगर किसी को लगता है कि सेक्स एक बुरी चीज है या शरीर एक बुरी चीज है, तो उसे वही दिखाई देगा। क्योंकि वो उसका नजरिया है, उसकी सोच है। एक फिल्ममेकर आपको बहुत ही खूबसूरत दिखाना चाहता है, लेकिन अगर आपको कुछ और दिखता है, तो वो आपकी सोच है।