नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) के शीर्ष अधिकारी ने दावा किया है कि खूंखार आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) के पांच से छह हजार आतंकी अफगानिस्तान (Afghanistan) में मौजूद हैं। ये दावा अफगानिस्तान (Afghanistan) में पाकिस्तान के राजदूत आसिफ दुर्रानी (Pakistan Ambassador Asif Durrani) ने किया है। इस्लामाबाद में एक थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (Pakistan Institute for Peace Studies) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दुर्रानी ने कहा कि अगर हम आतंकियों के परिवारों को भी मिला दें ते यह आंकड़ा 70 हजार से भी ज्यादा है।
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टीटीपी से क्यों नहीं हो पा रही शांति वार्ता?
आसिफ दुर्रानी ने कहा कि पाकिस्तान और टीटीपी (TTP) के बीच शांति वार्ता की कई कोशिशें असफल हो चुकी हैं। दुर्रानी के अनुसार, टीटीपी के आतंकी न तो आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार हैं और न ही वे पाकिस्तान के संविधान को मानने को तैयार हैं। दुर्रानी ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि कोई और उन्हें पैसे दे रहा है क्योंकि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों को रोजाना के खर्चे उठाने में सक्षम नहीं है। पाकिस्तानी राजदूत (Pakistani Ambassador) ने कहा कि टीटीपी (TTP) के आतंकी अपने घृणित अपराधों के लिए कानून का सामना करने के लिए भी तैयार नहीं हैं, जिनमें पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल (Army Public School) पर हमला भी शामिल है।
‘पाकिस्तान के लिए खतरा है टीटीपी’
आसिफ दुर्रानी ने चिंता जताते हुए कहा कि टीटीपी (TTP), पाकिस्तान के लिए खतरा है और पाकिस्तान की सरकार ने काबुल की सरकार से साफ कह दिया है कि टीटीपी (TTP) के आतंकियों को आत्मसमर्पण करना होगा और हथियार छोड़ने होंगे। पाकिस्तानी राजदूत का टीटीपी (TTP) को लेकर बयान ऐसे वक्त आया है, जब शुक्रवार को ही एक आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के सात जवानों की मौत हो गई थी। उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में छह आतंकियों ने सेना की पोस्ट पर हमला किया, जिसमें पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के लेफ्टिनेंट कर्नल और कैप्टन समेत सात जवानों की मौत हो गई।
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पाकिस्तान और टीटीपी (TTP) के बीच साल 2022 में युद्धविराम खत्म हुआ था और उसके बाद से टीटीपी (TTP) लगातार पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) पर हमले कर रहा है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट (Pakistani Media Report) के अनुसार, साल 2023 में पाकिस्तान में 789 आतंकी घटनाओं में 1,524 लोगों की जान गई। यह बीते छह वर्षों में सबसे ज्यादा आंकड़े हैं।