पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के एलान से पहले सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को प्रेस कॉफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा, बिहार भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के टाईम बम पर बैठा हुआ है, मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार के मामले पर धृतराष्ट्र बन गए है। बिहार में एनडीए सरकार ये क्यों नहीं बताती है कि वह प्रतिदिन बिहार के तिजोरी से 65 करोड़ रूपया कर्ज के रूप में अदा कर रही है।
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उन्होंने आगे कहा, हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस बात का जवाब मांगा है कि अगर नीतीश कुमार जी बेसुध और अचेत नहीं हैं तो वे हमारे सवालों का जवाब दें, क्योंकि बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि नकलची सरकार तेजस्वी के विजन का नकल तो कर रही है लेकिन उसके लिए इनके पास इसकी क्या कार्य योजना है? संसाधनों का प्रबंधन कहां से होगा? यह स्पष्ट नहीं कर रही है।
नकलची सरकार बताइए कि बिहार का बजट जब 03 लाख 17 हजार करोड़ का है और जुलाई में 58 हजार करोड़ के सप्लीमेंट्री बजट और आकस्मिक निधि से 20 हज़ार करोड़ की निकासी भी जोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर बिहार का टोटल बजट 03 लाख 95 हजार करोड़ हो गया है, जिसमें 02 लाख करोड़ का कमिटेड एक्सपेंडीचर है। अब स्कीम चलाने के लिए टोटल फंड 01 लाख 95 हजार करोड़ का बचा है। 01 लाख 95 हजार करोड़ रूपये से पुल, पुलिया, रोड, बिल्डिंग बनाने में क्या खर्च हुए? बताए?
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, मई, 2025 से लेकर सितम्बर, 2025 तक प्रधानमंत्री जी द्वारा बिहार में 01 लाख 15 हजार करोड़ के योजनाओं की घोषणा की गई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में 50 हजार करोड़ के योजनाओं की घोषणा की थी। अब विगत महीने में मुख्यमंत्री ने जो घोषणाएं की है उन पर कुल 7 लाख 08 हजार 729 करोड़ रूपये का व्यय होगा। राजस्व प्राप्ति और वित्तीय प्रबंधन पर उनका विज़न क्या है, इस बजट का प्रबंधन नीतीश कुमार कैसे करेंगे? इसका जवाब मुख्यमंत्री जी अवश्य दें। बिहार में राजस्व कैसे बढ़ेगा, इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बुद्धिजीवी, मीडिया और अन्य लोग पूछकर बतायें कि सरकार के स्तर से राजस्व बढ़ाने के लिए कौन से उपाय किये जा रहे हैं?
साथ ही कहा, 20 साल के राज बाद एनडीए सरकार द्वारा महिला रोजगार योजना अंतर्गत जो 10 हज़ार की राशि दी गई है वो प्रति महिला प्रति माह 500 रूपये हुआ। इस हिसाब से हर महीने का 41 रूपये 66 पैसा और एक दिन का 01 रूपया 38 पैसा दिया जा रहा है। मतलब डबल इंजन सरकार ने 20 साल राज करने के बाद बिहार के बच्चों का भविष्य और वर्तमान दोनों छीन लिया है। प्रतिदिन 01 रूपये 38 पैसा के षड्यंत्र में बिहार की जनता फंसने वाली नहीं है। 2020 में मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के प्रस्ताव के माध्यम से महिला उद्यमी योजना के तहत 5 लाख तक की कर्ज मुक्त राशि का जो वादे किये थे उसका क्या हुआ? मुख्यमंत्री जी अगर सक्षम हैं तो स्वयं इसका जवाब दें।
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राज्य सरकार 71 हजार करोड़ के सीएजी के मामले का हिसाब-किताब नहीं दे रही है और इस मामले में सरकार के स्तर से मुख्यमंत्री कोई जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? देश के प्रधानमंत्री से राज्य सरकार रिश्वत दिलवा रही है। प्रधानमंत्री जी ने 01 रूपये 38 पैसा के बल पर बिहार के वर्तमान और भविष्य को बर्बाद करने का ठेका लिया है। चुनावी हार के डर से 𝐃𝐊 छाप अधिकारी ज्यादा डरे हुए हैं। बिहार का तिजोरी खाली किया जा रहा है। पटना के सरकारी भवनों के साफ-सफाई, झाड़ू-पोछा के लिए निजी कंपनियों को देकर 700 करोड़ रूपये का ठेका दिया गया है। संगठित और खुदरा भ्रष्टाचार रिकार्ड कायम किये हुए है।
उन्होंने आगे कहा, भ्रष्टाचार के धृतराष्ट्र नीतीश कुमार बने हुए हैं। एक इंजीनियर के घर 13 करोड़ कैश बरामद हुआ? इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ। 500 करोड़ की प्रॉपर्टी मिली लेकिन कारवाई क्या हुई? एक इंजीनियर ने 12 करोड़ रुपये जला दिए? 100 करोड़ की प्रॉपर्टी मिली लेकिन कारवाई क्या हुई? एक इंजीनियर के यहां 300 करोड़ की प्रॉपर्टी मिली लेकिन कारवाई क्या हुई? अभी एक हफ़्ते पहले शिक्षा विभाग के अधिकारी के यहां करोड़ों मिले? 𝟑 दिन पहले विद्युत विभाग के इंजीनियर के यहां 30 करोड़ की संपत्ति मिली? क्या हुआ?
तेजस्वी यादव ने कहा, यह तो बस संगठित भ्रष्टाचार की लूट के छोटे से उदाहरण है। इनके 𝐃𝐊 𝐁𝐨𝐬𝐬 छाप अधिकारी और मंत्री तो हज़ारों करोड़ के मालिक है। सभी भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों की सूची जारी करेंगे कि किसने कितना लूटा? सबके साक्ष्य हैं? इनके भाई-भतीजा, साले-बहनाई, रिश्तेदारों की संपत्ति की जाँच कर लो सब सच्चाई सामने आ जाएगी। 2020 में इन्हीं भ्रष्ट पदाधिकारियों ने विपक्ष को हरवाने का काम किया था। इस बार जनता पूरी से सचेत और मुस्तैद है। इस बार एकतरफा कारवाई नहीं होगी।