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शासनादेश के विपरीत हो रहे टेंडर: आखिर क्यों खामोश हैं प्रमुख सचिव अमृत अभिजात? CM से लेकर PM तक हुई शिकायत तो हुआ निरस्त

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करने वाली सरकार के नाक के नीचे टेंडर प्रक्रिया में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। चेहती कंपनियों को मनमाने तरीके से करोड़ों का टेंडर दे दिया जा रहा है और ये सब शासनादेश के विपरीत किया जा रहा है। लखनऊ नगर निगम में हुए टेंडर प्रक्रिया की एक जानकारी सामने आई है। इसमें अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को जमकर लूटा गया है। यही नहीं लागत से तीन-चार गुना अधिक पर काम भी कराया गया है। इसके साथ ही शिवरी प्लांट में लीगेशी वेस्ट के डिस्पोजल में भी जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है और विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात खामोश बैठे हुए हैं। हालांकि, पीएम मोदी और सीएम योगी से इसकी शिकायत हुई तो लखनऊ नगर निगम में हुए टेंडर को निरस्त कर दिया गया।

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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ नगर निगम में टेंडरों में हुई अनियमितता और लीगेशी वेस्ट के डिस्पोजल के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की गयी है। इस शिकायत में कहा गया है कि, PCTS व FCTS के निर्माण हेतु दो टेण्डर क्रमशः 51.66 करोड़ व 38.54 करोड़ कुल 90 करोड़ बीस लाख रुपये का टेंडर राम की कम्पनी की M.S.W. कम्पनी को दे दिया गया। इस टेंडर प्रक्रिया में तीन प्रति​भागी थे। पहला स्वयं M.S.W, दूसरा इसी कम्पनी का वेंडर और तीसरा इसी कम्पनी की सिस्टर कन्सर्न थी।

इन तीनों कम्पनियों ने दिनांक 27-12-2024 को समय 02:04 बजे, 02:13 बजे व 02:40 बजे के मध्य मात्र 36 मिनट के अन्दर ही बिड को डाला गया। देखने की बात यह भी है कि तीनों कम्पनियों ने मात्र 0.1%, 0.2% व 0.3% बिलों ही टेण्डर डाले गए। बताया जा रहा है कि, एक ही कमरे में बैठकर ये टेंडर डाला गया। इसके बाद राम की कम्पनी की M.S.W. को कार्य दे दिया गया। इसके लिए सभी नियमों और शासनादेश की अनदेखी की गयी। हालांकि, पीएम मोदी और सीएम योगी से इसकी शिकायत हुई तो लखनऊ नगर निगम में हुए टेंडर को निरस्त कर दिया गया।

शिवरी प्लांट में किया गया भ्रष्टाचार
यही नहीं, शिवरी प्लांट में लीगेशी वेस्ट के डिस्पोजल के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। दरअसल, शिवरी प्लांट पर लीगेशी वेस्ट के डिस्पोजल हेतु नगर निगम लखनऊ एवं भूमि ग्रीन इनर्जी के मध्य 06-02-2024 में उल्लिखित है कि 18.49 लाख मी०टन कूडे का निस्तारण 574/- प्रति मी0टन की दर से किया जायेगा, जिस पर कुल 106 करोड़ का व्यय आयेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 98 करोड़ आ भी गया।

इसके विपरीत फ्रेश वेस्ट कूड़े के निस्तारण हेतु भूमि ग्रीन इनर्जी कम्पनी को छः माह के अन्दर ही 940/- प्रति मी0टन की दर से वर्क आर्डर दे दिया गया, जिससे नगर निगम को 34 करोड़ की क्षति पहुंची है। दरअसल, शिवरी प्लांट पर विगत तीन वर्षों में अरबों रुपये पानी की तरह बहाया गया है। अरबों रुपये का कार्य सिविल वर्क व इलेक्ट्रिक वर्क कराया गया है, जिसमें भी ई-टेण्डर की प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी। सभी टेण्डर दस-दस लाख रुपये के नीचे करवा कर मैनेज किया गया। यह खेल अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से किया गया, जिससे नगर निगम को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। विगत तीन वर्षों के अन्दर शिवरी प्लांट के सभी प्रकार के ठेकों व टेण्डरों की जांच हो तो मामले का पर्दाफाश हो जाएगा।

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