महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में साइबर सेल और फरेंदा पुलिस ने नेपाली नागरिकों का फर्जी तरीके से भारतीय आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से 13 ग्राम पंचायत का मोहर, आधार कार्ड बनाने वाले उपकरण, लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, फिंगर स्कैनर, रेटीना स्कैनर, GPS लोकेटर समेत फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किए जाने वाले कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ 60 हजार नगद भी बरामद किया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जालसाजी और IT एक्ट के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया है।
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पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि महराजगंज के पते से नेपाली नागरिकों का गोरखपुर जनपद के कैंपियरगंज, पीपीगंज, फरेंदा में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले पर गहनता से जांच की तो फरेंदा पुलिस और साइबर सेल को पता चला कि कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के भौराबारी चौराहे पर स्थित विश्वकर्मा मोबाइल केयर दुकान से कुछ नेपाली फर्जी आधार कार्ड बनवा कर टेंपो से वापस लौट रहे हैं। इस सूचना के बाद पुलिस ने फरेंदा स्थित दक्षिण बाइपास पर घेराबंदी की तभी टेंपो दिखाई दिया। जिसके बाद पुलिस ने टेंपो को रोकने की, कोशिश की ड्राइवर ने स्पीड बढ़ा दी। टीम ने दौड़ाकर टेंपो को पकड़ लिया। टेंपो में चालक के अलावा चार नेपाली महिलाएं और दो नेपाली पुरुष बैठे हुए थे।
ड्राइवर की पहचान अमरनाथ के रूप में हुई। वह सोनौली के गौतम बुध नगर वार्ड का रहने वाला है। पुलिस को अमरनाथ ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस टीम ने छापेमारी कर 2 लोगों को और हिरासत में लिया।
SP प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पुलिस और साइबर सेल ने नेपाली नागरिकों का फर्जी ढंग से महाराजगंज के पते से आधार कार्ड बनवाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इसमें एक आरोपी कैंपियरगंज थाना क्षेत्र का और दो सोनौली के रहने वाले हैं। प्रकरण में धोखाधड़ी आपराधिक षड्यंत्र सहित कई गंभीर धारा के अलावा IT एक्ट के तहत कार्रवाई कर तीनों आरोपी को जेल भेज दिया गया है।