लखनऊ: जीवन में दुखों का सागर पार करने के लिए किसी ऐसे नाम की आवश्यकता होती है,जिस नाम का सुमिरन करने से दु:ख के भवसागर को पार करने की शक्ति मिलती है।
माता अंजना के दुलारे श्री हनुमंत लाल जी महाराज के बारे में ऐसी घटना कि जिक्र आता है जिसमें उन्होंने माता सीता का पता लगाने के लिए दुष्ट राक्षसों का मर्दन किया था। ऐसी मान्यता है कलयुग में भी मारूति नंदन का प्रभाव वैसा ही है जैसा लंका के राक्षसों का वध करते समय था।
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सप्ताह में मंगलवार का दिन श्री पवनसुत हनुमान जी को समर्प्ति है।शास्त्रों में ऐस वर्णित है कि इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला अर्प्ति करना चहिए। ऐसा करने से रोग,शोक,व्याधि,व्यक्ति के पास नहीं फटकते। इसी तरह इस दिन स्नान आदि करके हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा मिलती। मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
मंगालवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से भी हनुमान जी प्रसन्न् होते है।