23 मई 2021 दिन-रविवार का पंचांग
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सूर्योदयः- प्रातः 05:19:17
सूर्यास्तः- सायं 06:41:48
विशेषः- रविवार को भगवान सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन गुड़ और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए।
विक्रम संवतः- 2078
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शक संवतः- 1943
आयनः- उत्तरायण
ऋतुः- ग्रीष्म ऋतु
मासः- वैशाख माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
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तिथिः- द्वादशी तिथि 03:40:00 बजे तक तदोपरान्त त्रयोदशी तिथि
तिथि स्वामीः- द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं तथा त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं।
नक्षत्रः- हस्त नक्षत्र 12:13:00 तक तदोपरान्त चित्रा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- हस्त नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव हैं तदोपरान्त चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं।
योगः- सिद्धि 02:56:05 तक तदोपरान्त व्यतिपात
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 05:47:00 से 07:25:00 तक
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दिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें।
राहुकालः- आज का राहु काल 05:26:00 से 07:09:00 तक
तिथि का महत्वः- द्वादशी तिथि में मसूर नहीं खाना चाहिए यह तिथि यात्रा को छोड़कर सभी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ है।