नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के नेता पवन खेड़ा को लेकर गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंदिरागांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर करीब साढ़े चार घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। कांग्रेस नेताओं के साथ पवन खेड़ा गुरुवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाले पार्टी के अधिवेशन में शामिल होने के लिए जा रहे थे, लेकिन पवन खेड़ा को विमान से उतारा गया और एयरपोर्ट के भीतर ही कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ऐसे में हम आपको साढ़े चार घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामा की पूरी कहानी बिंदुवार समझाएंगे।
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हाईवोल्टेज ड्रामा की बिंदुवार कहानी:
दिल्ली से रायपुर जाने वाली साढ़े ग्यारह बजे इंडिगो एयरलाइंस के विमान से कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को उतरने के लिए कहा गया। उस वक्त कहा गया कि आपके (पवन खेड़ा) बैग में गलत टैग लगा है।
कांग्रेस ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पवन खेड़ा को विमान से उतारे जाने की जानकारी दी। इस वक्त तक किसी भी नेता को यह समझ में नहीं आया कि आखिर पवन खेड़ा को विमान से क्यों उतारा गया? इंडिगो की फ्लाइट 6E-204 से पवन खेड़ा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सुप्रिया श्रीनेत समेत तमाम कांग्रेस नेता सवार थे।
इस मामले को लेकर सुप्रिया श्रीनेता ने कहा कि पवन खेड़ा को विमान से बैक के एक्सचेंज होने की जानकारी के साथ उतारा गया, जबकि पवन खेड़ा के पास कोई बैग ही नहीं था, सिर्फ एक हैंडबैग था। बाद में जानकारी मिली कि पवन खेड़ा को डिप्लेन किया गया है और सीआईएसएफ के एसपी इसकी जानकारी देंगे।
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पवन खेड़ा के विमान से बाहर उतरने के बाद एयरपोर्ट के बाहर मौजूद दिल्ली पुलिस की एक टीम ने उन्हें बताया कि आप शहर से बाहर नहीं जा सकते हैं। ऐसे में तमाम कांग्रेसी नेता एयरपोर्ट के भीतर ही धरने पर ही बैठ गए।
इसके बाद मामले में असम पुलिस की एंट्री होती है और पवन खेड़ा को एयरपोर्ट से गिरफ्तार करके मेडिकल कराने के लिए ले गए। इसके बाद एक अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड में असम ले जाने की बात कही जाती है।
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद पूरी तरह से स्पष्ट हुआ कि मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है। इस मामले को लेकर पवन खेड़ा के खिलाफ वाराणसी, लखनऊ और असम में एफआईआर दर्ज है।
एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद पवन खेड़ा ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ये लंबी लड़ाई है और वह इसे लड़ने के लिए तैयार हैं।
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने तत्काल प्रभाव से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दाखिल कर कोर्ट से अनुरोध किया कि पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत और एफआईआर को एक जगह शिफ्ट करने का अनुरोध किया।
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सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा और असम पुलिस का पक्ष सुना। सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि पवन खेड़ा की जुबान फिसल गई थी और यह एक गलती थी। इसके लिए पवन खेड़ा ने माफी मांग ली थी। हालांकि, असम पुलिस ने पवन खेड़ा का विरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पवन खेड़ा को अंतरिम राहत दी है। साथ ही असम पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने पवन खेड़ा को 28 फरवरी दिन मंगलवार तक अंतरिम जमानत दी है।
बेल मिलने के बाद पवन खेड़ा ने कहा कि सच के लिए कई बार संघर्ष करना पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी कर रहा हूं और मेरे नेता राहुल गांधी भी संघर्ष कर रहे हैं। न्यायालय पर पूरा भरोसा है। उन्होंने आगे बताया कि बिना एफआईआर की कॉपी और नोटिस दिए हवाई जहाज से गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल खेड़ा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
‘जोर लगाएंगे’
खेड़ा ने कहा कि गैर कानूनी तरीके से उन्हें गिरफ्तार किया गया। न्याय पर मेरी आस्था है जिसकी वजह से आज मेरी स्वतंत्रता की रक्षा हुई। संवैधानिक मुल्यों को बचाने का संघर्ष राहुल गांधी जिस निडरता से कर रहे हैं, उसमें मैं एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे. उन्होंने आगे बताया कि वो अब कांग्रेस अधिवेशन के लिए रायपुर जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर करने को लेकर यूपी और असम सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मजिस्ट्रेट उन्हें अंतरिम जमानत दें। यह आदेश सोमवार (27 फरवरी) तक लागू रहेगा। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को करेगा।
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर बोले संजय राउत- यह इमरजेंसी ही है
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ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर कहा कि वे बड़ी खबर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन से 24 घंटे पहले, सीएम के करीबी सहयोगियों और कांग्रेस नेताओं पर ईडी और सीबीआई ने छापा मारा था। वे विपक्षी दलों का गला घोंट रहे हैं। यह इमरजेंसी ही है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश भाजपा सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है: मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा सरकार ने पवन खेड़ा को परेशान करने की कोशिश की। मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हूं, यह उनके मुंह पर करारा तमाचा है। मैं भाजपा के इस कृत्य की निंदा करता हूं। संसद में भी हमें मुद्दे उठाने से रोका गया। वे बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकतंत्र खतरे में है।
‘बोलने की आजादी खत्म कर रही भाजपा’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि BJP जो कर रही है मैं उसका खंडन करता हूं। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता, हम जब सदन में बोलते हैं तब हमें बोलने नहीं दिया जाता। जब हम अपनी बात बाहर रखना चाहते हैं तब भी हमें बोलने नहीं दिया जा रहा। ये लोग बोलने की आजादी खत्म कर रहे हैं।
रायपुर में ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इनके (भाजपा सरकार) नेतृत्व में संविधान और देश सुरक्षित नहीं है। जब हमारा यहां अधिवेशन हो रहा है तो कभी ED के छापे, कभी इनकम टैक्स के छापे पड़ रहे हैं।
BJP रोकना चाहती है महाधिवेशन
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खड़गे ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का महाधिवेशन हो रहा है। हमारे नेताओं पर ईडी और आईटी के छापे पड़ रहे हैं। वे (बीजेपी) इस सत्र को होने से रोकना चाहते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग यहां की सरकार के साथ मिलकर इस सत्र को कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।