नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray faction) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित करने के चुनाव आयोग के कदम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) के समक्ष याचिका दाखिल की है। उद्धव गुट (Uddhav faction) के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने चुनाव आयोग (Election Commission) के आदेश के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) से जल्द सुनवाई की मांग की, इस पर शीर्ष अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें इस मैटर का जिक्र कल करने को कहा।
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने कहा कि आपने अपनी अर्जी को जल्द सुनवाई की मांग के लिए (मेंशनिंग लिस्ट) में शामिल नहीं किया है। बिना लिस्ट में शामिल किए कोई तारीख अदालत की ओर से नहीं दी जा सकती। आप पहले जरूरी औपचारिकता पूरी करके कल आइए।
शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच जारी विवाद का 17 फरवरी को उस वक्त अंत हो गया था, जब निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. उद्धव गुट (Uddhav faction) ने निर्वाचन आयोग के आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए इस पर स्टे लगाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) में लगाने का निर्णय लिया है। चुनौती याचिका के मुख्य आधार में ईसीआई के आदेश का वह हिस्सा है, जिसमें कहा गया है कि शिवसेना के संविधान में बदलाव एकतरफा था, यानी लोकतांत्रिक तौर पर बहुमत की सहमति से संशोधन नहीं किया गया था। उद्धव गुट (Uddhav faction) का आरोप है कि संगठन में शिंदे गुट कमजोर था और इसी वजह से बहुमत से फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग ने उनकी ओर से पार्टी संविधान में बदलाव को अलोकतांत्रिक घोषित कर दिया जिससे इसे किनारे किया जा सके।
इधर उद्धव गुट से पहले ही एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर कर दी थी। इस याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए उद्धव गुट (Uddhav faction) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) के समक्ष गुहार लगा सकता है. ऐसे में इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहलेसुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) उनका पक्ष भी सुने। माना जा रहा था कि पार्टी और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद शिंदे गुट शिवसेना मुख्यालय पर भी अपना दावा ठोकेगा, क्योंकि वह ठाकरे परिवार की निजी संपत्ति न होकर पार्टी की संपत्ति है। लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde)ने कहा कि उन्हें शिवसेना भवन नहीं चाहिए। शिवसेना की शाखाओं को पार्टी का आधार और रीढ़ माना जाता है, जब तक शाखाएं हैं, ठाकरे परिवार महाराष्ट्र की राजनीति में कभी भी वापसी कर सकती है। ऐसे में पर्यवेक्षकों का मानना है कि शिंदे गुट की नजर अब इसी पर है। वह धीरे-धीरे, चरणबद्ध तरीके से शाखाओं पर कब्जा कर सकती है।