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Umesh Pal Murder Case : अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाने का रास्ता साफ, कोर्ट ने पुलिस को दी बड़ी छूट

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के मामले में आरोपी अशरफ को अब बरेली जेल (Bareilly Jail) से प्रयागराज (Prayagraj) लाने का रास्ता कोर्ट ने साफ कर दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश चंद्र गौतम (Chief Judicial Magistrate Dinesh Chandra Gautam) ने बी वारंट जारी करते हुए पुलिस को सुविधानुसार अशरफ (Ashraf) को कोर्ट में पेश करने की छूट दी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब कोई तिथि तय नहीं की है। पुलिस जब चाहे उसे कभी भी कोर्ट में पेश कर सकती है।

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हालांकि, कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में अशरफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने ने का आदेश भी पारित किया है। बता दें कि इसके पूर्व शनिवार को अशरफ के अधिवक्ताओं की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिये पेशी करने की मांग वाली अर्जी दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने नहीं माना और पहले से दाखिल अर्जी पर आदेश पारित कर दिया। इससे यह साफ हो गया कि अशरफ को पूछताछ के लिए पुलिस कभी भी यहां ला सकेगी।

बॉडी वार्म कैमरे से लैस होंगे सुरक्षाकर्मी

कोर्ट ने अपने आदेश में बरेली जेल को निर्देशित भी कर दिया है। पुलिस की टीम अशरफ (Ashraf)  को लाने के लिए बरेली गई हुई है। सीजीएम कोर्ट (CGM Court) ने अपने 23 मार्च के आदेश में कहा है कि आरोपी अशरफ (Ashraf)  को लाने वाले सभी सुरक्षाकर्मी बॉडी बॉर्न कैमरे से लैस होंगे। जिस वाहन से इसे लाया जाएगा उसका प्रति 400 किलोमीटर पर तकनीकी परीक्षण कराया जाए। किसी भी प्रकार का अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने विवेचक को इसकी रिपोर्ट भी आरोपी के साथ पेश करने को कहा है।

भौतिक रूप से उपस्थित रहना जरूरी

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आरोपी के अधिवक्ता मनीष खन्ना ने शनिवार को अर्जी दाखिल कर अपना पक्ष रखा। कहा कि पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर अशरफ (Ashraf)   की वीडियो कांफ्रेसिंग (Video Conferencing) के जरिए पेशी की मांग स्वयं की थी लेकिन अब वह भौतिक रूप से उसे यहां लाना चाहती है। इससे उसके जीवन से जुड़ी कई आशंकाएं उठ रही हैं। जवाब में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अतुल्य कुमार द्विवेदी, सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार, अविनाश सिंह की ओर से कहा गया कि उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case)  में पुलिस केवल पूछताछ कर सबूत जुटाना चाहती है। क्योंकि, अशरफ (Ashraf)   आरोपी बनाए गए हैं।

हाईकोर्ट के आदेश का भी हो अनुपालन

पुलिस हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करेगी। अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश की प्रति नहीं मिलने की जानकारी दी। जिस पर कोर्ट ने अशरफ (Ashraf)   के अधिवक्ता से हाईकोर्ट के आदेश की प्रति देने का आदेश दिया। सुनवाई पूरी होने के बाद सीजीएम कोर्ट (CGM Court)  ने प्रयागराज पुलिस आयुक्त (Prayagraj Police Commissioner) को आदेश दिया है कि अशरफ (Ashraf)   के मामले में हाईकोर्ट ने जो 21 मार्च 2023 को सुरक्षा संबंधी आदेश पारित किए हैं, उसका पालन सुनिश्चित कराया जाए।

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