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यूपी : वैसीनेशन के बाद नहीं बनी एंटीबॉडी तो थाने पहुंचा मामला, कंपनी समेत कई संस्थाओं के खिलाफ दी तहरीर

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार लोगों के ज्यादा से ज्यादा वैसीनेशन पर जोर दे रही है। इसी बीच यूपी की राजधानी लखनऊ में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी समेत कई संस्थाओं पर एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर देने का मामला सामने आया है।

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शिकायतकर्ता का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद भी एंटीबॉडी न बनने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी, आईसीएमआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन और राज्य-केंद्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में धोखाधड़ी और जान से मारने के प्रयासों के तहत केस दर्ज करने की अर्जी दी है। मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से शख्स ने सीओ कैंट से भी इसकी शिकायत की है।

पुलिस को दी गई शिकायत में लिखा गया है कि प्रताप चंद्र नाम के एक शख्स ने कोविशील्ड वैक्सीन 8 अप्रैल को लगवाई। दूसरे डोज की डेट 28 दिन बाद दी गई, लेकिन उसे 6 हफ्ते और टाल दिया गया। फिर सरकार ने ऐलान किया कि अब 6 नहीं, 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी। शिकायकर्ता के मुताबिक वैक्सीन लगवाने के बाद भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा है।

शख्स ने अपनी तहरीर में आईसीएमआर के डायरेक्टर के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन के पहले डोज के बाद भी अच्छे लेवल की एंटीबॉडी बनती है। इसके बाद शख्स ने 25 मई को 2021 को एक सरकारी मान्यता प्राप्त में लैब में कोविड एंटीबॉडी का टेस्ट कराया। 27 मई को रिपोर्ट निगेटिव आई। शिकायत के मुताबिक शख्स में एंटीबॉडी नहीं बनी और प्लेटलेट्स भी 3 लाख से घटकर 1.5 लाख तक पहुंच गईं। शख्स ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ धोखा हुआ है।

शिकायत में लैब की रिपोर्ट का दिया 

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हत्या के प्रयास का मामला!

शख्स का कहना है कि आईसीएमआर और स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि वैक्सीन लगवाने से एंटीबॉडी डेवेलप होगी, कोरोना से बचने का सुरक्षा कवच तैयार होगा, लेकिन एंटीबॉडी नहीं बनी। उल्टे प्लेटलेट्स भी घट गए, जिससे संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया है, जिससे कभी भी मौत हो सकती है। यह हत्या के प्रयास का विषय है।

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FIR नहीं हुई दर्ज तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगा शख्स

शख्स ने उन सभी सरकारी संस्थाओं का भी अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है, जिनकी मंजूरी के बाद वैक्सीन को लगाने की अनुमति मिली थी। यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जा सकती है। शख्स ने कहा है कि अगर FIR के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगा।

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